नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से पूरे विश्व में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। एक ओर हर देश की सरकारें पूरे जी जान से इसे नियंत्रित करने की कोशिशों में लगी हुई हैं वही दूसरी ओर अधिकांश नागरिक इस वायरस की गंभीरता को देखते हुए अपने स्तर पर तमाम प्रकार के एहतियात बरतने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। पूरी दुनिया में स्वच्छता के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है। इस वजह से लोगों को हैंड वॉश, हैंड सैनिटाइजर और टिश्यू पेपर खरीदने के लिए यहाँ से वहाँ भटकते हुए देखा जा सकता है। काफी जगहों पर इन वस्तुओं की कमी हो गई है। ये चीजें जहाँ उपलब्ध हैं वहाँ उन्हें दोगुने, तिगुने दामों पर बेचा जा रहा है। इन्हें मुँहमांगे दाम पर खरीदना लोगों की मजबूरी भी बन गयी है। मगर अब यह स्थिति बदलने वाली है।
दरअसल, मास्क एवं हैंड सैनिटाइजर को एमआरपी से ज्यादा मूल्य एवं बिना एमआरपी के बेचने की शिकायतें विभिन्न माध्यमों के जरिये सरकार तक भी पहुँची हैं। इसलिए कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण और बाजार में मास्क और सेनिटाइजर की अनुपलब्धता को देखते हुए सरकार ने मास्क और सेनेटाइजर को अब आवश्यक वस्तु अधिनियम में शामिल कर दिया है। इसका मतलब ये हुआ कि अब अगर कोई भी मास्क एवं हैंड सेनिटाइजर को बिना एमआरपी या एमआरपी से ज्यादा पर बेचता है, इनकी कालाबाजारी या अवैध भंडारण करता है तो शिकायत मिलने पर उस फर्म या विक्रेता के विरुद्ध मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में मामला दर्ज होने पर कम से कम 3 महीने एवं अधिकतम 7 साल की सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने ट्वीट कर कहा है कि “कोरोना #COVID19 वायरस के खतरे के बाद बाज़ार के रुझान को देखते हुए सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम1955 की अनुसूची में संशोधन कर 2, 3 प्लाई सर्जिकल फेस मास्क, एन95 मास्क और हैंड सेनेटाइजर को 30/6/2020 तक आवश्यक वस्तु घोषित कर दिया है। इससे इनकी उपलब्धता बढ़ेगी और कालाबाजारी रूकेगी।”
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से इस बारे में बताया गया है कि पिछले कुछ सप्ताहों से कोरोना वायरस के मौजूदा प्रकोप और इसके प्रबंधन के लिए लॉजिस्टिक संबंधी चिंताओं को देखते हुए सरकार ने मास्क (2, 3 प्लाई सर्जिकल फेस मास्क, एन95 मास्क) और हैंड सेनेटाइजर को फिलहाल आवश्यक वस्तु की श्रेणी में रखने का फैसला लिया है। क्योंकि मास्क और हैंड सैनिटाइजर या तो बाजार में अधिकांश विक्रेताओं के पास उपलब्ध नहीं है या बहुत अधिक कीमतों पर बमुश्किल से उपलब्ध हो रहे हैं। सरकार की इस पहल के बाद यदि अब कोई भी विक्रेता ग्राहक से एमआरपी से ज्यादा पैसा वसूलता है या बिना एमआरपी के मास्क एवं हैंड सेनिटाइजर बेचता है तो उसके खिलाफ उपभोक्ता हैल्पलाइन नंबर 1800114000 या 14404 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।