कृषि पिटारा

मिर्च की खेती: पत्ता मोड़क बीमारी से पौधों का ऐसे करें बचाव

पत्ता मोड़क बीमारी मिर्च के फसल को ज्यादा नुकसान करने वाली बीमारी है। मिर्च के पौधे में यह बीमारी आम तौर पर देखी जाती है। यह बीमारी थ्रिप्स व माइट के प्रकोप के कारण होती है। थ्रिप्स के प्रकोप के कारण मिर्च की पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ कर नाव का आकार धारण कर लेती है। यदि मिर्च की फसल में थ्रिप्स का आक्रमण एक साथ हो जाये तो पत्तियां विचित्र रूप से मुड़ जाती हैं। इसके प्रकोप से फसल के उत्पादन में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है।

माइट के प्रकोप से भी मिर्च के पौधे की पत्तियां मुड़ जाती है लेकिन ये नीचे की ओर मुड़ती हैं। मिर्च में लगने वाली माइट बहुत ही छोटी होती है जिन्हें साधारणत: आंखों से देखना सम्भव नहीं है।

यह रोग न होकर निम्न उपाय करें:
सफेद मक्खी की सक्रियता पर ध्यान देते रहें।
रोग के प्रथम लक्षण दिखते ही उस पौधे को उखाड़ कर नष्ट कर दें।
एक मिली रोगर के साथ दो ग्राम सल्फर मिलाकर घोल बनाकर उसका छिड़काव 15 दिनों के अंतर से करें।
स्थानीय किस्मों की जगह विकसित किस्में जैसे पूसा ज्वाला, पूसा सदाबहार, पंत सी 1, जवाहर मिर्च 231 इत्यादी ही लगाएँ।
पत्ता मोड़क बीमारी पर नियंत्रण के लिए माइटीसाइड/ एकेरीसाइड का उपयोग करें।
यदि थ्रिप्स व माइट दोनों का प्रकोप एक साथ हुआ है तो कीटनाशक तथा माइटीसाइड का उपयोग एक साथ करें।

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