खेती अब परंपरागत तरीकों से आगे बढ़ चुकी है। उन्नत बीजों और नई तकनीकों की मदद से अब किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। हाल ही में लौकी की एक खास वैरायटी ‘टाटा’ ने किसानों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह वैरायटी बहुत ही जल्दी तैयार हो जाती है और इससे लंबे समय तक उत्पादन लिया जा सकता है।
टाटा कंपनी की इस लौकी में बीज बोने के सिर्फ 20 दिनों के भीतर फल लगने लगते हैं और लगभग डेढ़ महीने में इसकी तुड़ाई शुरू हो जाती है। यह फसल अगस्त तक चलती है, जिससे किसान लगातार कमाई करते रहते हैं। खेती का तरीका भी बेहद सरल है। खेत में नालियां (डोल) बनाई जाती हैं और उनके बीच लगभग पांच फुट की दूरी रखी जाती है ताकि पौधों को फैलने की पर्याप्त जगह मिल सके। इसके बाद डोल में बीज बोए जाते हैं और हल्की सिंचाई की जाती है। इस पद्धति से पौधों की जड़ें मजबूत रहती हैं और पानी में गलने का खतरा नहीं होता।
लागत की बात करें तो टाटा लौकी के बीज का एक पैकेट (100 ग्राम) करीब 600 से 700 रुपये में मिल जाता है। चार बीघा खेत के लिए चार पैकेट बीज पर्याप्त होते हैं और पूरी खेती की लागत लगभग 50 हजार रुपये आती है। वर्तमान में मंडियों में लौकी की कीमत 10 से 12 रुपये प्रति किलो चल रही है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है।
टाटा वैरायटी के बीज स्थानीय स्तर पर, खासकर फरीदाबाद जैसे क्षेत्रों में आसानी से मिल जाते हैं। इससे वहां के किसान भी इसका लाभ उठा सकते हैं। कई किसानों का कहना है कि यह वैरायटी न सिर्फ उत्पादन में बेहतर है, बल्कि इसकी गुणवत्ता भी शानदार है। फल लंबे और एकसमान होते हैं, जिससे मंडियों में अच्छी कीमत मिलती है। इस वैरायटी ने साबित कर दिया है कि खेती अगर वैज्ञानिक तरीके से की जाए और उन्नत बीजों का इस्तेमाल किया जाए, तो यह एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है।