कृषि पिटारा

राजस्थान में ऑनलाइन हुई एमएसपी की खरीद

जयपुर: राजस्थान के किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। स्टेट कॉपरेटिव मार्केटिंग फैडरेशन (राजफैड) ने दावा किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद की सम्पूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। साथ ही साथ खरीद में पारदर्शिता बरती जा सके इसके लिए बायोमेट्रिक प्रणाली को अपनाया गया है। इससे खरीद-बिक्री में हो रहे फर्जीवाड़े पर लगाम लगने की उम्मीद है। राजफैड द्वारा की गई इस व्यवस्था से किसानों को उनकी फसल का भुगतान मिलने में काई आसानी होगी। किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने खरीद केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की है। सरकारी आँकड़े के अनुसार पहले खरीद केंद्रों की संख्या 250 थी, जिन्हें बढ़ाकर 650 से भी अधिक कर दिया गया है।

बायोमेट्रिक प्रणाली की व्यवस्था होने का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि पहले फसल बेचने के लिए किसानों का दूसरी तहसील में नंबर आता था, जहाँ आने जाने में समय की बर्बादी होती थी। लेकिन अब इसके बजाय फसल बेचने के लिए किसान की खुद की तहसील में नंबर आ रहा है। इसके अलावा पहले उपज का भुगतान डेढ़ महीने के बाद मिलता था। इससे किसानों को अक्सर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था। वहीं अब उपज बिकने के तीसरे दिन किसान के बैंक खाते में पैसे आ जाते हैं।

राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा है कि, “किसानों से एमएसपी पर दलहन एवं तिलहन की खरीद एवं रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। बायोमैट्रिक सत्यापन से वास्तविक किसान को लाभ देना सुनिश्चित किया गया है। नेफैड से भुगतान आने और उसको किसान को दिए जाने के गैप को पूरा करने के लिये राजस्थान सरकार ने 1000 करोड़ के रिवोल्विंग फण्ड की व्यवस्था की है ताकि किसान को समय पर भुगतान किया जा सके।”

राजस्थान के जो किसान एमएसपी के तहत अपनी उपज बेचना चाहते हैं उन्हें कुछ आसान सी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। मसलन, किसानों को एमएसपी पर अपनी उपज बेचने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके लिए उन्हें आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, गिरदावरी पी-35 और बैंक खाते के विवरण की प्रति ले कर अपने नजदीकी खरीद केंद्र या ई-मित्र केंद्र पर जाना होगा। यहाँ आधार के माध्यम से उनका बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन व रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कृषि जिंस की मात्रा एवं उपज तुलाई की तारीख की सूचना उनके रजिस्टर्ड मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से मिल जाएगी। इसके बाद उन्हें निर्धारित तारीख को खरीद केंद्र पर जाना होगा, जहाँ वो अपने वास्तविक दस्तावेज दिखाकर कृषि जिंस की तुलाई करवाएँगे। इसके बाद उन्हें बायोमेट्रिक सत्यापन से बिल मिल जाएगा और उपज का भुगतान उनके बैंक खाते में ऑनलाइन जमा हो जाएगा।

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