नई दिल्ली: मशरूम की खेती के जरिये किसानों को काफी अच्छा मुनाफा मिल रहा है। बाजार में इसकी अच्छी-खासी मांग है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि मशरूम की खेती के दौरान कुछ सावधानियाँ न अपनाई जाएँ तो मुनाफे की जगह पर नुकसान भी हो सकता है? जी हाँ, मशरूम की खेती में अन्य फसलों के मुकाबले कुछ अतिरिक्त सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता होती है। यह एक काफी संवेदनशील फसल है, इसलिए थोड़ी सी भी लापरवाही की वजह से फसल पर रोगों व कीटों का हमला हो सकता है। इसलिए यदि आप मशरूम की खेती कर रहे हैं तो ज़रूरी है कि आप इन सावधानियों को ज़रूर अपनाएँ:
जिस कमरे में मशरूम उगाने की आपकी योजना है, उसे सबसे पहले चूने से अच्छी तरह से साफ कर लें।
मशरूम उगाने के लिये हमेशा साफ भूसी का इस्तेमाल करें।
मशरूम को बीमारियों और कीटों से बचाने के लिए यह जरूरी है कि इसके आस-पास कोई प्रदूषित जगह ना हो, क्योंकि यहाँ से पैदा हुए कीट मशरूम तक पहुँच कर पौधों को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखें कि मशरूम के पौधे किसी दूषित जल स्रोत से दूर रहें।
मशरूम उगाने के लिए ब्लॉक बनाते समय यह ध्यान रखें कि वह संपीडित हो। ब्लॉक जितने अधिक संपीडित होंगे, उतना ही बेहतर है।
जिस कमरे में मशरूम के ब्लॉक रखे गए हों, वहाँ का तापमान बढ़ाते समय यह ध्यान रखें कि तापमान एक ही बार अचानक से ना बढ़ाया जाए, बल्कि धीरे-धीरे तापमान में वृद्धि करना बेहतर होगा।
मशरूम की खेती के लिए जहाँ तक बात है अनुकूल वातावरण की तो यह नम होना चाहिए।
कमरे में घुसने से पहले पैरों या जूतों की अच्छी तरह से सफाई ज़रूरी है। इसके लिए किसी स्थान पर पानी में एक निश्चित मात्रा के अनुसार फर्मालिन मिला कर रख दें, ताकि इसमें पैरों या जूतों की सफाई की जा सके।
मशरूम उगाने के लिए उपयोग में लायी जाने वाली प्लास्टिक की सीटीं को अच्छी तरह से साफ करें। इसके लिए फर्मालिन का उपयोग करें।
जब एक बार मशरूम की पैदावार प्राप्त कर ली जाए तो दूसरी बार इसकी खेती करने से पहले कमरे की सफाई ज़रूर करें। इसके बाद सफेदी कर कमरे में फर्मालिन का छिड़काव ज़रूर करें।