मुखिया समाचार

नकली बीजों के कारोबार पर नकेल कसने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री ने राज्यों को दिये निर्देश

नई दिल्ली: बाजार में नकली बीजों की उपलब्धता किसानों के लिए एक गंभीर समस्या है। इससे वो जहाँ एक ओर उस वस्तु का मूल्य चुका रहे हैं जो अपने आप में मूल्यविहीन है वहीं दूसरी ओर, नकली बीजों की वजह से फसल विशेष को लेकर किसानों की पूरी योजना पर पानी फिर जाता है। क्योंकि नकली बीजों की बुआई से न केवल बीजों पर आने वाला खर्च जाया होता है बल्कि पैदावार में गंभीर रूप से गिरावट आने की वजह से खेत की जुताई से लेकर सिंचाई, खाद व निराई-गुड़ाई पर आने वाला खर्च भी बर्बाद होता है।

किसानों की इन समस्याओं के प्रति संवेदनशील होते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यों को कुछ निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि, “किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकारें केंद्र के साथ मिलकर 10-15 वर्षों का रोडमैप बनाएं। खासतौर पर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीजों की समय पर आपूर्ति हो। कालाबाजारी करने वाले और नकली बीज बेचने वालों पर राज्य सरकारें सख्ती से अंकुश लगाएं। हम सभी बीज की महत्ता को जानते हैं। बीज अच्छा होगा तो भविष्य अच्छा होगा। खेती के लिए अच्छे बीज उपलब्ध होने से उत्पादन-उत्पादकता व किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। जीडीपी में कृषि का योगदान बढ़ेगा और कृषि के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी ताकत मिलेगी।”

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने ये बातें बीज श्रृंखला विकास पर आयोजित एक वेबिनार में कही। उन्होंने आगे कहा कि, “कृषि की ताकत देश की ताकत बने, यह कोशिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा की गई है। जो काम बाकी हैं उन्हें सभी को मिल-जुलकर पूरा करना है। पूरी बीज श्रृंखला व्यवस्थित होनी चाहिए, ताकि किसानों को कोई परेशानी नहीं हो। साथ ही जिन फसलों के बीजों की जिन क्षेत्रों में कमी है, वहाँ उनके बीज उपलब्ध कराए जाने चाहिए ताकि उत्पादकता बढ़ाई जा सके। दलहन-तिलहन, कपास आदि फसलों के बीजों की पर्याप्त आपूर्ति के लिए प्लानिंग करना चाहिए। देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सभी को आत्म अवलोकन करने की जरूरत है। बीजों के मामले में हमारा देश आत्मनिर्भर होगा तो हम अन्य देशों को भी बड़ी मात्रा में आपूर्ति कर सकेंगे।”

नरेंद्र सिंह तोमर ने यह भी कहा कि, “सीड ट्रेसेबिलिटी के लिए भी राज्य सरकारों का सहयोग आवश्यक है, ताकि देश भर के किसानों में जागरूकता आए और आवश्यकता अनुसार वे अपने खेत के लिए बीज के मामले में किसी निष्कर्ष पर पहुँच सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जोर इस बात पर है कि खेती में उत्पादकता बढ़ें, साथ ही लागत कम हो। किसानों को अच्छे बीज सस्ते में मिलें और निजी व सरकारी एजेंसियों के बीच भाव का अंतर पाटा जाए, यह प्लानिंग होनी चाहिए।”

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि, “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित बीजों की किस्मों को निचले स्तर तक किसानों को पहुँचाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। साथ ही राज्यों को जिला स्तर पर कृषि विभाग से जुड़े सभी पहलुओं पर योजनाबद्ध तरीके से काम करना चाहिए, ताकि किसानों को कोई परेशानी नहीं आए।”

Related posts

Leave a Comment