नई दिल्ली: पिछले लगभग 10 महीनों से नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के मध्य टकराव की स्थिति बनी हुई है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का एक वर्ग इन कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग करते हुए राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहा है। हालाँकि, अभी इन कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगी हुई है।
इस बीच एक मैगजीन को दिए गए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि, “हमारी सरकार छोटे किसानों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक कोई भी इस बात के साथ नहीं आया है कि वे ये विशेष बदलाव चाहते हैं। उनकी सरकार शुरू से ही प्रदर्शकारी किसान संगठनों से वार्ता करने और कानूनों में आपत्ति वाले मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। इस सिलसिले में कई बैठकें भी हुई हैं, लेकिन अभी तक कोई भी आपत्ति से संबंधित किसी एक विशेष मुद्दे को लेकर नहीं आया है और न ही कहा है कि वह यह बदलाव विशेष चाहता है।” प्रधानमंत्री ने विरोधियों को आड़े हाथों लेते हुए आगे कहा कि, “यदि आप आज किसान हितैषी कानूनों का विरोध करने वालों को देखेंगे तो आपको बौद्धिक बेईमानी और राजनीतिक धोखाधड़ी का असली मतलब पता चलेगा। ये वही लोग हैं जिन्होंने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर वही करने की मांग की थी जो हमारी सरकार ने किया है। ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने घोषणा पत्र में वही सुधार करने का वादा किया था जो हमनें किए हैं।”
केंद्र सरकार के विपरीत प्रदर्शनकारी किसानों ने तीनों नए कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ करार दिया है। उनका कहना है कि इन कानूनों के लागू होने के बाद से एमएसपी की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और मंडियों का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। इन तर्कों को केंद्र सरकार लगातार नकार रही है। सरकार का कहना है कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं। इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। मंडियों के औचित्य पर सरकार का कहना है कि इन कानूनों से किसान अपने उत्पादों को देश भर में बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। आँकड़ों के आधार पर सरकार इस तथ्य को भी प्रमाणित कर रही है कि कृषि कानूनों के संसद से पारित होने के बाद एमएसपी में लगातार वृद्धि हुई है। इन तमाम तर्कों व आरोपों के बावजूद किसानों व सरकार के बीच गतिरोध जारी है। ऐसे में देखना यह है कि यह गतिरोध कब और आपसी सहमति के किस बिन्दु पर जाकर समाप्त होता है।