कृषि समाचार

एनडीए सरकार के 11 साल पूरे, पीएम मोदी ने किसानों के हित में उठाए गए फैसलों को गिनाया

नई दिल्ली: एनडीए सरकार को केंद्र में सत्ता संभाले 11 साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार ने अपनी उपलब्धियों का लेखा-जोखा देश के सामने रखा है। प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से किसानों के हित में लिए गए निर्णयों पर जोर देते हुए अपनी सरकार को “किसान हितैषी” बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि पहले किसानों को छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी उधार लेना पड़ता था, लेकिन बीते 11 वर्षों में उनकी सरकार ने किसानों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में कई निर्णायक कदम उठाए हैं।

पीएम किसान योजना से लेकर फसल बीमा तक

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में निरंतर बढ़ोतरी जैसे कदमों ने किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक सुरक्षा देने का काम किया है। उनकी सरकार ने 2014 से अब तक किसानों को न केवल सम्मान दिया है बल्कि उन्हें वैश्विक बाजार तक पहुंच और कृषि-आधारित संरचनाएं भी उपलब्ध कराई हैं।

ई-नाम ने बदला कृषि व्यापार का चेहरा

कृषि व्यापार को पारदर्शी और किसान-केंद्रित बनाने के लिए सरकार ने ई-नाम प्लेटफॉर्म शुरू किया है, जिससे अब तक 1,500 से अधिक मंडियां जुड़ चुकी हैं। इससे किसान अब अपनी उपज वहीं बेच सकते हैं, जहां उन्हें बेहतर कीमत मिलती है। इस डिजिटल कदम को सरकार ने “क्रांतिकारी बदलाव” बताया है।

किसान रेल बनी किसानों की नई ताकत

तेजी से खराब होने वाली फसलों की ढुलाई को सरल बनाने के लिए सरकार ने किसान रेल की शुरुआत की थी। अब तक 2,300 से अधिक किसान रेल सेवाएं चल चुकी हैं, जिनसे करीब 7.9 लाख टन उपज की ढुलाई हुई है। इस सेवा में किसानों को माल ढुलाई पर 50 प्रतिशत सब्सिडी भी मिलती है।

कृषि निर्यात में ऐतिहासिक बढ़त

सरकार के अनुसार, वर्ष 2023-24 में भारत का कृषि निर्यात 4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो 2013-14 की तुलना में 112% अधिक है। 10 साल पहले यह आंकड़ा 1.94 लाख करोड़ रुपये था। सरकार का दावा है कि अब भारत के किसान वैश्विक मंच पर तेजी से उभर रहे हैं।

कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को मिली रफ्तार

1 लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष से आधुनिक गोदाम, कोल्ड चेन और ग्रामीण लॉजिस्टिक्स का निर्माण हुआ है। सरकार का कहना है कि इस निवेश से फसल कटाई के बाद भी किसानों की कमाई जारी रहती है। साथ ही इससे अब तक 9 लाख नए रोजगार पैदा हुए हैं।

एफपीओ से मिली सामूहिक शक्ति

किसानों को सामूहिक सौदेबाजी की ताकत देने के लिए सरकार ने 10,000 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए हैं। इनमें 40% भागीदारी महिलाओं की है और इससे देशभर के 30 लाख से अधिक किसान जुड़ चुके हैं। बिहार में बना 10,000वां एफपीओ इस दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक

सरकार ने बताया कि मछली पालन के क्षेत्र में भी भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। 2013-14 में जहां 95.79 लाख टन मछली उत्पादन हुआ था, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा 184 लाख टन तक पहुंच गया। पीएम मत्स्य संपदा योजना और सागरमाला परियोजनाओं ने इस क्षेत्र को मजबूती दी है।

गोकुल मिशन से डेयरी सेक्टर को मजबूती

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देशी नस्लों का संरक्षण, पशुपालकों को नई तकनीकों से जोड़ना और पशु चिकित्सा सेवाओं का विस्तार किया गया है। इसके चलते भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन चुका है।

खाद्य प्रसंस्करण और मसाला क्षेत्र में बड़ी छलांग

सरकार ने देशभर में 24 मेगा फूड पार्क बनाए हैं, जिससे किसानों को उद्योगों से जोड़ा गया और बर्बादी कम हुई। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। खाद्य प्रसंस्करण और मसाला क्षेत्र में हुए सुधारों के चलते भारत अब मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश बन चुका है।

कुल मिलाकर, सरकार का फोकस आत्मनिर्भर किसान पर

एनडीए सरकार का दावा है कि बीते 11 वर्षों में उसके फैसलों ने भारत के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया है। चाहे वह डिजिटल कृषि बाजार हो, उत्पादन आधारित योजनाएं, वैश्विक व्यापार, या डेयरी और मत्स्य पालन में सुधार—सरकार की नीतियों का प्रभाव अब गांव-गांव तक दिखाई दे रहा है। आगे आने वाले समय में सरकार कृषि क्षेत्र को और अधिक तकनीकी, लाभदायक और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने की दिशा में काम करने की बात कह रही है।

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