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जानिए, नीतीश कुमार की घोषणाओं से नियोजित शिक्षकों को क्या हासिल होगा?

पटना: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में तिरंगा फहराया। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने सरकार की कई उपलब्धियाँ गिनाईं। साथ ही साथ उन्होंने नियोजित शिक्षकों के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं। उन्होंने कहा कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को जल्द ही सेवा शर्त की सुविधा मिलेगी। शिक्षा विभाग की ओर से मिल रही जानकारी के अनुसार शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली को अंतिम रुप दे दिया गया है। सेवा शर्त के अलावा शिक्षकों को पीएफ व कुछ अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। कार्यक्रम में बोलते हुए नीतीश कुमार ने 33 हजार 916 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द से जल्द संपन्न कराने की भी बात कही।

वैसे इस बात की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी कि, सरकार से नाराज प्रदेश के करीब पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को मनाने के लिए मुख्यमंत्री स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। और हुआ भी बिलकुल संभावना के अनुरूप। गांधी मैदान में अपने संबोधन में मुख्‍यमंत्री ने नियोजित शिक्षकों के लिए कई बड़ी घोषणाएँ कीं। माना जा रहा है कि सरकार की इस घोषणा की वजह से लंबे समय से नाराज चल रहे नियोजित शिक्षकों को काफी राहत मिलेगी। नीतीश कुमार की घोषणाओं के बाद माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पांडेय ने मुख्यमंत्री को बधाई दी है।

जहाँ तक शिक्षकों की नई सेवा शर्तों की बात है तो बताया जा रहा है कि इसमें ऐच्छिक स्थानांतरण, प्रोन्नति, वेतन वृद्धि और सेवा निरंतरता जैसी बातें शामिल हैं। नई सेवा शर्त नियमावली से राज्‍य के पौने चार लाख शिक्षक ईपीएफ का भी लाभ ले सकेंगे। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि 5 सितंबर तक शिक्षकों को सरकार सेवा शर्त का तोहफा दे सकती है। नई सेवा शर्त लागू करने के साथ ही ‘नियोजित शिक्षक’ शब्द हटाने का भी ऐलान किया जा सकता है। यही नहीं, अनुकम्पा के इंतजार में बैठे आश्रितों को भी सरकार की ओर से कोई बड़ा लाभ मिल सकता है। इसके तहत जो भी टीईटी, बीएड ट्रेंड अभ्यर्थी होंगे उन्हें शिक्षक की नौकरी मिलेगी, जबकि अनट्रेंड अभ्यर्थियों को डिग्री के आधार पर क्लर्क या फोर्थ ग्रेड कर्मचारी के रूप में बहाल किया जाएगा।

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