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नीतीश कुमार ने घर लौटे श्रमिकों को दिया रोजगार देने का भरोसा

पटना: लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार लौट रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार राज्य में अधिक-से-अधिक रोजगार सृजन पर जोर दे रही है। इसके लिए संबंधित विभागों द्वारा सभी ज़रूरी प्रयास शुरू कर दिये गए हैं। इस दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी प्रवासी मजदूरों को बिहार में काम देने का ऐलान किया है। नीतीश कुमार ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रवासी मजदूरों से बातचित की। इस दौरान उन्होने श्रमिकों से कहा कि, “आप सभी अब बिहार में ही रह कर अपने श्रम व कौशल का उपयोग करें और बिहार के विकास में भागीदार बनें।”

बिहार सरकार प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने व उनके कौशल का उपयोग राज्य के विकास में करने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत यथाशीघ्र अधिक-से-अधिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक श्रम नीति भी तैयार की जाएगी। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार ने प्रदेश में रोजगार को लेकर गठित राज्य स्तरीय टास्क फोर्स को यह निर्देश दिया है कि वह श्रम नीति तैयार करने के संबंध में जल्द से जल्द अपना सुझाव दे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि, “नई इकाइयों की स्थापना के लिए क्या प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं? इस बारे में प्रवासी मजदूरों के फीडबैक के आधार पर टास्क फोर्स समुचित सुझाव दे।”

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को विभिन्न क्वारंटाइन सेंटरों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मधायम से डिजिटल निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की उच्च स्तरीय समीक्षा की और कई निर्देश भी दिए। उन्होने कहा कि, “मजदूरों को रोजगार देने के लिए बनाए गए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स अविलंब कार्य शुरू कर दे। ताकि स्किल सर्वे के अंतर्गत श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध हो सके। रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर टास्क फोर्स वर्तमान नीतियों में यदि कोई संशोधन आवश्यक समझे तो इसके लिये शॉट टर्म पॉलिसी या मिड टर्म पॉलिसी के संबंध में भी सुझाव दे।”

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