उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अब खेती के आधुनिक यंत्र खरीदना पहले से कहीं आसान हो गया है। राज्य सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए ई-कृषि यंत्र पोर्टल की शुरुआत की है, जिसके ज़रिए किसान घर बैठे ट्रैक्टर, सिंचाई पंप और अन्य कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इससे न केवल किसानों की मेहनत और समय बचेगा, बल्कि उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों तक सुलभ और सस्ता पहुंच भी मिलेगा।
ई-कृषि यंत्र पोर्टल से सीधे सब्सिडी का लाभ
इस पोर्टल के माध्यम से किसान ट्रैक्टर, पावर टिलर, स्प्रिंकलर, ड्रिप सिस्टम, सिंचाई पंप, पाइपलाइन, और अन्य कई कृषि यंत्रों पर सरकार की ओर से आकर्षक सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले किसानों को पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। एक बार रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद किसान अपने क्षेत्र के अधिकृत विक्रेताओं की सूची देख सकते हैं और अपने पसंद के उपकरण का चयन कर सकते हैं।
कैसे करें रजिस्ट्रेशन
किसान अपना रजिस्ट्रेशन नजदीकी जन सहायता केंद्र पर जाकर करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें आधार कार्ड, स्वयं की फोटो और एक डिक्लेरेशन देना होगा कि उन्होंने पिछले तय समय में किसी अन्य योजना के तहत लाभ नहीं लिया है। फिंगरप्रिंट स्कैनर की मदद से ई-केवाईसी पूरी होने के बाद किसान पोर्टल पर लॉगिन कर आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
10 दिन के भीतर खरीदना होगा यंत्र
रजिस्ट्रेशन पूरा करने के बाद किसान को 10 दिनों के भीतर कृषि यंत्र खरीदना अनिवार्य है। यदि इस तय अवधि में यंत्र नहीं खरीदा गया, तो रजिस्ट्रेशन स्वतः निरस्त हो जाएगा और किसान अगले 6 महीने तक दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकेंगे। साथ ही, एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम दो उपकरणों पर ही सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा।
एक बार में दो उपकरण, अवधि तय
किसान 5 साल में एक बार ड्रिप सिस्टम, स्प्रिंकलर, रेनगन जैसे सिंचाई यंत्रों की सब्सिडी पर खरीद कर सकते हैं, जबकि 7 साल में एक बार बिजली या डीजल पंप पर छूट मिलेगी। अगर किसान ट्रैक्टर चालित उपकरण खरीदना चाहते हैं तो उनके पास ट्रैक्टर का होना भी जरूरी है।
‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर लाभ
इस योजना के तहत किसानों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर लाभ मिलेगा। रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद किसान को एक एसएमएस कोड मिलेगा, जिसकी मदद से अधिकृत विक्रेता किसान का आवेदन देख सकेंगे। पोर्टल पर ही सभी कृषि यंत्रों की कीमत, विशेषताएं और तुलना करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
इस योजना से जहां एक ओर किसान कम लागत में आधुनिक यंत्रों से अपनी खेती को उन्नत बना सकेंगे, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार का लक्ष्य है कि तकनीक के सहारे कृषि उत्पादन और किसान की आय में वृद्धि की जा सके।