नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गेहूं के मूल्य को नियंत्रण में रखने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम, डोमेस्टिक (ओएमएसएस-डी) को आगे भी जारी रखने का फैसला लिया है। इसके तहत बाजार के मुकाबले काफी रियायती दर पर गेहूं की बिक्री 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी। तब तक इस योजना के तहत 101.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य गेहूं की कीमतों को नियंत्रण में रखकर उपभोक्ताओं को सस्ता गेहूं प्रदान करना है। हालांकि, इसके साथ ही किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है, क्योंकि व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं बेचने की सीमा में कमी कर दी गई है और सरकार खुद भी सस्ते दर पर गेहूं बेच रही है।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, गेहूं के दामों पर सरकार का नियंत्रण पिछले कुछ महीनों से लगाया गया है और गेहूं की बिक्री को निर्धारित न्यूनतम मूल्य पर रखा गया है। इसके फलस्वरूप, किसानों को गेहूं की बेहतर कीमत नहीं मिल सकती है। साथ ही, व्यापारियों की गेहूं बेचने की सीमा कम हो गई है, जिससे उनकी कमाई पर भी असर पड़ सकता है। सरकार द्वारा गेहूं की बिक्री को निगरानी में रखने के लिए विभिन्न मार्ग अपनाए जा रहे हैं, जैसे कि गेहूं की उपलब्धता की जांच और स्टॉक की जमाखोरी। इसका उद्देश्य यह है कि बाजार में गेहूं की कोई बनावटी कमी न हो और खाद्य आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं बिक्री को दायरे से बाहर रखा गया है। व्यापारियों और थोक विक्रेताओं के लिए पहले से लगी गेहूं की 3000 मीट्रिक टन की स्टॉक लिमिट को घटाकर अब 2000 मीट्रिक टन कर दिया गया है। इसकी बारीकी से निगरानी हो रही है। स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए 31 अक्टूबर तक देश भर में 1721 औचक जांच की गई है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई बनावटी कमी पैदा न हो। सरकार ने कीमतों पर नियंत्रण के उद्देश्य से ही 13 मई 2022 से गेहूं के निर्यात पर रोक लगा रखी है। मंत्रालय के अनुसार एक नवंबर 2023 को ओएमएसएस के तहत वर्ष 2023-24 की 19वीं ई-नीलामी आयोजित की गई। एक नवंबर को हुई ई-नीलामी में 2389 बोलीदाताओं को 2.87 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया। चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बाजार हस्तक्षेप करने की भारत सरकार की पहल के एक हिस्से के रूप में, गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जा रही है। खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए, गेहूं की साप्ताहिक पेशकश की मात्रा को बढ़ाकर 3 लाख मीट्रिक तक अधिकतम किया गया है।