पटना : बिहार की सारी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस बीच राहत की जो सबसे बड़ी बात सामने निकलकर के आ रही है वह यह है कि फरक्का बराज के 119 गेट खोल दिए गए हैं। ताकि गंगा का जलस्तर कम हो सके। इधर पुनपुन और सोन के अपने उच्चतम स्तर पर बहने से पटना पर खतरा बरकरार है। बताया जा रहा है कि पुनपुन नदी अभी खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। धनरुआ में दरधा नदी तटबंध को तोड़ चुकी है।इस पूरे घटनाक्रम के बीच पटना जिला प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है।
गौरतलब है कि 24 घंटे से गंगा का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। पटना के गांधी घाट पर अभी भी गंगा लाल निशान से 83 सेंटीमीटर ऊपर और हाथीदह में 86 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है , लेकिन अधिकारियों के अनुसार इस स्थिति नियंत्रण में है , बता दे की आफत बनकर आई इस बारिश ने बिहार में 26 लोगों की जान ले ली है उत्तर बिहार का हर जिला बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो चुका है , नेपाल की तराई में भी भारी बारिश होने की वजह से उत्तर बिहार के कई गांव बाढ़ से घिर गए हैं।
पटना में रविवार को हुई भारी बारिश के बाद कुछ इलाकों में हालात अब तक इतने खराब हैं कि यातायात पूरी तरह से ठप हो चुका है और शहर में घंटों से बिजली आपूर्ति नहीं हो सकी है। पूरा शहर ही झील में तब्दील हो गया है। राजेंद्र नगर और पाटलिपुत्र कॉलोनी जैसे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।शहर के कई अस्पताल, दुकान और बाजार जलमग्न हो चुके हैं। यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। इस बीच शहर के कुछ इलाकों में लोगों को बचाने के लिए NDRF की टीमें लगी हुई हैं। वहीं बिहार सरकार ने भारतीय वायुसेना से पटना के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को निकालने और खाने के पैकेट्स व दवाइयां पहुंचाने के लिए दो हेलिकॉप्टर की मांग भी की है।