कृषि पिटारा

प्लास्टिक के रेडीमेड मकान बकरी पालन के लिए फायदेमंद

नई दिल्ली: बकरी पालन एक लाभदायक व्यवसाय है, लेकिन इसके लिए उचित प्रबंधन और रखरखाव की आवश्यकता होती है। बकरियों के लिए आरामदायक और रहने की स्वच्छ जगह प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। बाजार में प्लास्टिक के रेडीमेड मकान बकरी पालन के लिए एक अच्छा विकल्प हैं। ये मकान दो मंजिला होते हैं, जिनमें पहली मंजिल पर बड़ी बकरियां और दूसरी मंजिल पर छोटे बच्चे रखे जाते हैं।

प्लास्टिक के रेडीमेड मकानों के कई फायदे हैं, मसलन: ये मकान जगह की कमी को दूर करते हैं। ये मकान बकरियों को बीमारियों से बचाते हैं। ये मकान बकरी पालन की लागत को कम करते हैं। प्लास्टिक के रेडीमेड मकानों का निर्माण लोहे की एंगल और प्लास्टिक की शीट से किया जाता है। इन मकानों की लागत आकार और गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग होती है। प्लास्टिक के रेडीमेड मकान बकरी पालन के लिए एक अच्छा विकल्प हैं। ये मकान जगह की कमी और बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। बकरी पालक इन मकानों को खरीदकर अपने व्यवसाय को और अधिक लाभदायक बना सकते हैं।

बक़ौल डॉ. अरविंद कुमार (प्रिंसीपल साइंटिस्ट, सीआईआरजी – मथुरा) “दो मंजिला मकान से कम जगह की उपयोगिता और बचत तो होती ही है, साथ में इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बकरी के बच्चे बीमारियों से बच जाते हैं। इस तरह के मकान में नीचे बड़ी बकरियां रखी जाती हैं। वहीं ऊपरी मंजिल पर छोटे बच्चे रखे जाते हैं। ऊपरी मंजिल पर रहने के चलते बच्चे मिट्टी के संपर्क में नहीं आ पाते हैं तो इससे वो मिट्टी खाने से भी बच जाते हैं। दो मंजिला मकान के इस मॉडल में बकरी की मेंगनी सीधे मिट्टी के संपर्क में नहीं आती है। जिससे मेंगनी पर मिट्टी नहीं लगती है और उसकी खाद बनाने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है।“

उन्होंने यह भी कहा कि, “एक बड़ी बकरी को डेढ़ स्क्वायर मीटर जगह की जरूरत होती है। हमने दो मंजिला मकान का जो मॉडल बनाया है वो 10 मीटर चौड़ा और 15 मीटर लम्बा है। इस मॉडल मकान में नीचे 10 से 12 बड़ी बकरी रख सकते हैं। वहीं ऊपरी मंजिल पर 17 से 18 बकरी के बच्चों को बड़ी ही आसानी से रख सकते हैं। इस साइज के मकान की लागत 1.80 लाख रुपये आती है।“

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