कृषि पिटारा

ई-नाम के तहत् प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (पीओपी) की शुरुआत

बंगलुरु: किसानों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक नई पहल की गई है। इससे किसानों को अपनी उपज राज्य की सीमाओं से बाहर बेचने में सुविधा होगी। दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-नाम के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (पीओपी) की शुरुआत की है। बताया जा रहा है कि पीओपी की शुरुआत होने से कई बाजारों, खरीददारों व सेवा देने वालों तक किसानों की डिजिटल रूप से पहुंच बढ़ेगी। मूल्य खोज-तंत्र और गुणवत्ता के अनुरूप कृषि उपज का दाम मिलने में सुधार होगा तथा लेन-देन में पारदर्शिता आएगी। पीओपी की शुरुआत बंगलुरु में आयोजित राज्यों के कृषि और बागवानी मंत्रियों के सम्मेलन में की गई। इस दौरान 1018 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 37 करोड़ रुपये से अधिक का इक्विटी ग्रांट भी जारी किया गया। इससे लगभग साढ़े तीन लाख किसानों को लाभ होगा।

प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (पीओपी) पर विभिन्न वैल्यू चेन सर्विस जैसे व्यापार, भंडारण, फिनटेक, बाजार की जानकारी, परिवहन आदि की सुविधा देने वाले विभिन्न प्लेटफार्मों के 41 सेवा प्रदाताओं को शामिल किया गया है। पीओपी से डिजिटल इको सिस्टम तैयार होगा, जिससे कृषि वैल्यू चेन के विभिन्न खंडों में अलग-अलग प्लेटफार्मों की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। ई-नाम प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स के रूप में एग्री सेक्टर से संबंधित सेवा देने वालों के मंच का एक प्रकार से एकीकरण करता है। पीओपी से न केवल ई-नाम प्लेटफॉर्म की वैल्यू बढ़ेगी बल्कि इसके उपयोगकर्ताओं को विभिन्न सेवा प्रदाताओं से सेवाएं प्राप्त करने के विकल्प मिलेंगे। यह किसानों, एफपीओ, व्यापारियों व अन्य हितधारकों को एकल खिड़की के माध्यम से कृषि मूल्य श्रृंखला में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा। ई-नाम मोबाइल ऐप के माध्यम से पीओपी से जुड़ा जा सकता है। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर में मुफ्त में उपलब्ध है। इसके जरिये एग्रीकल्चर प्रॉडक्ट की टेस्टिंग, व्यापार, भुगतान प्रणाली, लॉजिस्टिक्स, सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई, पैकेजिंग, भंडारण, बीमा, सूचना प्रसार, फसल अनुमान और मौसम आदि की जानकारी उपलब्ध होगी।

इसी तरह केंद्र सरकार के फैसले के अनुसार इक्विटी ग्रांट के तहत् एफपीओ को 3 वर्ष की अवधि के लिए प्रति एफपीओ 18 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद की जाएगी। इसके अलावा, प्रति एफपीओ 15 लाख रुपये की सीमा के साथ एफपीओ के प्रत्येक किसान सदस्य के लिए 2 हजार रुपये तक के बराबर अनुदान व पात्र ऋणदाता संस्थान से प्रति एफपीओ के लिए 2 करोड़ रुपये के परियोजना ऋण तक की क्रेडिट गारंटी सुविधा भी मिलेगी।

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