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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के एक साल पूरे

नई दिल्ली: 24 फरवरी को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना (पीएम-किसान) की शुरुआत हुए एक साल पूरे हो गए। इस योजना की शुरुआत किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के मकसद से की गई थी। पीएम-किसान योजना की वजह से किसानों को खाद, बीज और कीटनाशक की खरीद में सहूलियत मिलती है। क्योंकि योजना की किस्त सीधे लाभार्थी किसान के बैंक खाते में भेज दी जाती है। इससे किसान को कर्ज आदि के भरोसे नहीं बैठना पड़ता है और वह समय पर फसल की बुआई कर पाता है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार पीएम-किसान योजना के तहत अब तक देश भर के लगभग 8.46 करोड़ किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंचाया गया है। इस योजना के मद में अब तक 50,950 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।

आपको बता दें कि, पिछले साल 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर से इस योजना का शुभारंभ किया था। तब से; योग्य किसानों को तीन किस्तों में सालाना छह हजार रुपये की राशि दी जाती है। जहाँ तक इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के पहचान का सवाल है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के जिम्मे है। आधार नंबर के जरिये लाभार्थी की पहचान कर योजना की राशि सीधे उसके बैंक खाते में भेज दी जाती है।  

प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना की शुरुआत में यह तय किया गया था कि योजना का लाभ सिर्फ उन छोटे किसानों को ही मिलेगा जो दो एकड़ या इससे कम भूमि के मालिक हैं। लेकिन बाद में, कुछ विचार-विमर्श के बाद इस सीमा को समाप्त कर दिया गया था। यही नहीं, इस योजना के दायरे से कुछ राज्य बाहर भी हैं जैसे – असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख।

बता दें कि, पिछले साल के आम बजट 2019-20 में प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के अंतर्गत सरकार ने 75,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। लेकिन इस राशि की तुलना में अभी तक इस योजना के लिए मात्र 50,950 करोड़ रुपये की राशि ही जारी हो सकी है। इसके पीछे सरकार का तर्क है कि लाभार्थी किसानों के सत्यापन का काम काफी धीमी गति से सम्पन्न हो रहा है। अन्यथा पीएम-किसान योजना में और तेजी देखने को मिलती।

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