कृषि पिटारा

किसानों के लिए सुरक्षा कवच साबित हो रही है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) ने भारतीय किसानों को खेती के दौरान उत्पन्न नुकसानों से सुरक्षित रहने का एक महत्वपूर्ण सहारा प्रदान किया है, जिसका प्रमाण कुल 49.44 करोड़ किसानों के 7 वर्षों के दौरान आए आवेदन हैं। इस योजना के तहत 14.06 करोड़ से अधिक किसानों को 1,46,664 करोड़ रुपये से अधिक का क्लेम प्राप्त हुआ है, जिससे साबित हो रहा है कि इस योजना ने किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। इस दौरान, किसानों ने अपने हिस्से के प्रीमियम के रूप में लगभग 29,183 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जो प्रीमियम का पांच गुना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में शुरू की गई इस योजना के माध्यम से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों से हुए नुकसान के खिलाफ सुरक्षा मिलने का संकल्प जताया था। इसके तहत, केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रीमियम का ज्यादातर हिस्सा देती हैं, जिससे किसानों को मामूली रकम ही देनी पड़ती है।

किसान संगठनों ने बीमा योजना में अपने प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की है ताकि योजना की नीतियों में किसानों की दिक्कतों को ध्यान में रखा जा सके। यह योजना खेती पर क्लाइमेट चेंज के दौर में बढ़ते खतरों के खिलाफ किसानों को सुरक्षित रखने में मदद कर रही है और इसकी वजह से किसानों का जोखिम कम हुआ है और वे आर्थिक रूप से सशक्त बनें हैं।

मुख्य बिन्दु:

आवेदनों की भारी संख्या: इस योजना की अवधि (7 वर्षों) के दौरान कुल 49.44 करोड़ किसानों ने इसमें आवेदन किया है, जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है।

भुगतान और क्लेम: 14.06 करोड़ से अधिक किसानों को 1,46,664 करोड़ रुपये से अधिक का क्लेम प्राप्त हुआ है, जो दिखाता है कि योजना ने किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है।

प्रीमियम का भुगतान: किसानों ने इस दौरान अपने हिस्से के प्रीमियम के रूप में लगभग 29,183 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जो प्रीमियम का पांच गुना है।

दावा और भुगतान का प्रणाली: क्लेम की गणना और भुगतान में पारदर्शिता लाने के लिए केंद्र सरकार ने योजना को सुधारने का प्रयास किया है और अब भुगतान सीधे किसान के खाते में हो रहा है।

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