कृषि पिटारा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल होंगे जंगली जानवरों से होने वाले नुक़सान के मामले

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जंगली जानवरों से होने वाले फसल के नुक़सान को भी शामिल करने का फैसला किया है। ऐसे में अब किसानों की फसलों को अगर नीलगाय, हाथी, शेर या किसी अन्य जंगली जानवरों के हमले से नुक़सान होता है, तो उन्हें फसल बीमा में मुआवजा मिलेगा। इसके बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी दी है।

इस नए प्रस्तावित बदलाव के तहत, अब राज्यों को फसल नुकसान को नोटिफाई करने की अनुमति दी गई है। इसका मतलब है कि जब भी किसानों की फसलों को जंगली जानवरों के आक्रमण का सामना करना पड़े, तो वे फसल बीमा में नुक़सान का दावा कर सकेंगे और मुआवजा प्राप्त कर सकेंगे। कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया कि यह नया प्रावधान उन जोखिमों को शामिल करेगा जिन्हें कुदरती रूप से नहीं रोका जा सकता, जैसे कि जंगली जानवरों के आतंक से होने वाले नुक़सान की स्थिति। इसका मतलब है कि फसल की बुआई से लेकर कटाई तक के बीच के हर चरण में फसल बीमा का आवश्यकता के हिस्से को शामिल किया जा सकेगा। इसमें वे फसलें और क्षेत्र शामिल होंगे जिन्हें राज्य सरकारें नोटिफाई करेंगी।

श्री तोमर ने बताया कि यह नया प्रावधान जंगली जानवरों के आतंक से होने वाले नुक़सान को प्रिवेंटेबल जोखिम के रूप में मानता है और इसलिए इसे अब फसल बीमा योजना में शामिल किया जा सकेगा। हालांकि, इसके लिए वन और पर्यावरण मंत्रालय और राज्यों की सिफारिश की गई थी। इस नए प्रावधान के अनुसार, जंगली जानवरों के हमले से होने वाले नुक़सान को राज्य सरकारें नोटिफाई करेंगी और उन्हें उसके लिए खर्च करना होगा। फसल बीमा के कुछ हिस्से का खर्च केंद्र सरकार भी उठाती है, लेकिन इस नये प्रावधान में खर्च करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों को संभावित फसल नुक़सान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का काम किया है। इसके तहत, मध्य प्रदेश में पिछले सालों में लगभग 1,74,67,695 किसानों को फसल नुक़सान के एवज में 27 हजार करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत, किसानों को कम से कम बीमा प्रीमियम देना पड़ता है, जिसका एक हिस्सा राज्य और केंद्र सरकार मिलकर देते हैं। बीमा प्रीमियम की गणना करने से पहले, किसान अपने बीमा प्रीमियम के अंश की गणना बीमा प्रीमियम कैलकुलेटर की मदद से कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राज्यों की ओर से सभी अधिसूचित फसलों का बीमा कराया जा सकता है। इसमें सोयाबीन, धान, ज्वार, मक्का, कपास, मूंगफली, दालें आदि शामिल हैं और उन्हें प्राकृतिक आपदाओं व कीट पतंगों से होने वाले नुक़सान से बचाया जा सकता है।

सरकार के इस कदम से किसानों को जंगली जानवरों के आतंक से होने वाले नुक़सान के मामले में आरामदायक माध्यम प्राप्त होगा, और उन्हें अपनी फसलों की सुरक्षा में और भी अधिक विश्वास होगा।

Related posts

Leave a Comment