नई दिल्ली: आज के समय में काफी किसान कृषि के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। इससे कृषि से जुड़े कई प्रचलित मिथक भी टूट रहे हैं। मसलन – कृषि घाटे का सौदा है, एक किसान की जीवन दशा में कृषि के जरिये कभी भी बदलाव नहीं आ सकता, वगैरह-वगैरह। काफी तादाद में आज किसान कृषि के क्षेत्र में नवीन तकनीकों व प्रोद्योगिकी को शामिल कर रहे हैं।
इस वजह से उनके जीवन में आने वाले सकारात्मक बदलावों की कहानियाँ समय-समय पर सामने आ रही हैं। कृषि को एक व्यवसाय के रूप में देखना सफल किसानों की सभी कहानियों में एक प्रमुख बिन्दु है। इनमें से अनेक किसान आज खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपना हाथ आजमा रहे हैं। इससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है।
जो किसान खाद्य प्रसंकरण के क्षेत्र में कुछ बेहतर करना चाहते हैं उनके लिए केंद्र सरकार द्वारा अगस्त 2017 में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना के जरिये खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही साथ इस योजना के जरिये ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर सृजित करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के कुछ अन्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- कृषि का आधुनिकरण करना और कृषि उपज की बर्बादी को कम करना।
- आधुनिक आधारभूत संरचना की मदद से कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना।
- प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना एक व्यापक योजना है। इसके जरिये खेत से लेकर रिटेल बिक्री केंद्रों तक दक्ष आपूर्ति श्रृंखला के साथ आधुनिक सरंचना की शुरूआत होगी।
- इससे देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की वृद्धि को तीव्र गति प्राप्त होगी साथ ही किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने तथा किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
- इस योजना के जरिये खाद्य पदार्थों के निर्यात के स्तर को बढ़ाने की दिशा में भी तेजी आएगी।
- किसानों को उनके उपज के लिए बेहतर मूल्य मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप http://mofpi.nic.in वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।