कृषि पिटारा

किसानों की आय में वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री ने बकरी पालन पर दिया ज़ोर

नई दिल्ली: किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में बकरी पालन को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया है। गाय-भैंस पालन के मुकाबले बकरी पालन में कम खर्च और ज्यादा मुनाफा होने की वजह से यह किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

बकरी पालन के फायदे:

कम खर्चीला: बकरी पालन में गाय-भैंस पालन की तुलना में कम खर्च होता है। बकरी को कम जगह में पाला जा सकता है और उन्हें कम चारा-पानी की आवश्यकता होती है।

ज्यादा मुनाफा: बकरी साल में दो बार बच्चे देती है और एक बार में दो से तीन बच्चे तक दे सकती है। बकरी का दूध भी गाय-भैंस के दूध से ज्यादा पौष्टिक और महंगा होता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता: बकरी में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, जिससे बीमारियों का खतरा कम होता है।

कम जगह की आवश्यकता : बकरी को कम जगह में भी पाला जा सकता है, जिससे यह शहरों या कस्बों में भी पालने के लिए उपयुक्त है।

विभिन्न उत्पाद: बकरी के दूध, मांस, चमड़े और ऊन से विभिन्न उत्पादों का निर्माण किया जा सकता है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त हो सकती है।

सरकार की पहल:

सरकार बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं के तहत किसानों को बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण, सब्सिडी और ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

बकरी पालन शुरू करने के लिए:

प्रशिक्षण: बकरी पालन शुरू करने से पहले उचित प्रशिक्षण प्राप्त करना आवश्यक है। सरकार द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिया जा सकता है।

नस्ल का चयन: अपनी आवश्यकताओं और जलवायु के अनुसार बकरी की उचित नस्ल का चयन करना महत्वपूर्ण है।

आवास: बकरी के लिए उचित आवास की व्यवस्था करना आवश्यक है।

चारा-पानी: बकरी को पौष्टिक चारा और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य: बकरी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना और समय पर टीकाकरण करवाना आवश्यक है।

ऐसे में कहा जा सकता है कि, बकरी पालन किसानों की आय दोगुनी करने का एक बेहतर विकल्प हो सकता है। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और उचित प्रशिक्षण के माध्यम से किसान बकरी पालन से लाभ उठा सकते हैं।

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