कृषि पिटारा

बड़ी खबर: पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने जारी की गेहूँ की तीन नई किस्में

लुधियाना: गेहूँ की खेती करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने गेहूँ की 3 नई किस्में जारी की हैं। माना जा रहा है कि ये किस्में आगामी रबी सीजन में देशभर के किसानों को बुआई के लिए उपलब्ध करा दी जाएंगी।

29 अगस्त को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर में उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) की अध्यक्षता में आयोजित वैराइटी आइडेंटिफिकेशन कमेटी की बैठक में गेहूँ की इन तीन नई किस्मों को जारी करने का निर्णय लिया गया। ये किस्में PBW 826, PBW 872 और PBW 833 हैं। गेहूँ की PBW 826 को नॉर्थ वेस्ट प्लेन जोन और नॉर्थ ईस्ट प्लेन जोन के किसानों के लिए जारी किया गया है। जबकि PBW 872 को नॉर्थ वेस्ट प्लेन जोन के किसानों के लिए जारी किया गया है। इसी तरह PBW 833 किस्म को नॉर्थ ईस्ट प्लेन जोन के किसानों के लिए जारी किया गया है।

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की तरफ से चिन्हित और जारी की गई गेहूँ की PBW 826 किस्म देश की दो प्रमुख गेहूँ पट्टी के लिए उपयोगी है। यह किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान के कुछ हिस्सों, उत्तराखंड, जम्मू और हिमाचल प्रदेश सहित उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के लिए उपयोगी पाई गई है। इन राज्यों में इस किस्म का प्रयोग समय पर और सिंचित बुवाई के तहत किया जा सकता है। यह किस्म इन क्षेत्रों में तीन साल के परीक्षण के दौरान अनाज की उपज के मामले में पहले स्थान पर रही। वहीं यह किस्म पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे उत्तर पूर्व मैदानी क्षेत्र के लिए भी उपयोगी पाई गई है। इसे सिंचित समय पर बुआई की स्थिति के लिए पहचाना गया है।

इसी तरह पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी गई PBW 872 किस्म देश के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के किसानों के लिए जारी की गई है, जिसका प्रयोग सिंचित भूमि में किया जा सकता है। यह जल्दी बोई जाने वाली और उच्च उपज संभावित किस्म के तौर पर पहचानी गई किस्म है। वहीं, PBW 833 किस्म उच्च अनाज उपज और प्रोटीन सामग्री के तौर पर चिन्हित की गई है, जिसे देश के उत्तर पूर्व मैदानी क्षेत्र की सिंचित जमीन के लिए जारी किया गया है। यह देर से बोई जाने वाली किस्म है।

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