जयपुर: राजस्थान के किसानों के लिए एक अच्छी ख़बर है। अब खेत की सिंचाई पर आने वाले उनके खर्चे में थोड़ी कमी आएगी। दरअसल, राजस्थान सरकार ने किसानों की मदद और सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रदेश में करोड़ों रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को मजबूत करने के लिए 463 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। सरकार की इस योजना के पीछे पानी की बर्बादी को रोकना एक प्रमुख कारण है। साथ ही साथ इससे किसानों को भी बहुत फायदा होगा।
राजसठन सरकार ने अपनी इस योजना को पूरी तरह से धरातल पर उतारने के लिए दो साल का समय तय किया है। सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत इस समयावधि के अंदर 50,000 किसानों के खेत में तालाब बनाए जाएंगे। इसके लिए 260 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक इन तलाबों से किसानों को फसल की सिंचाई करने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे भूमिगत जल का स्तर भी बढ़ जाएगा। सरकार की इस योजनका एक अन्य फायदा किसानों को यह होगा कि वे तालाब में मछली पालन का कार्य भी कर सकेंगे। इससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत्त अनुसूचित जाति व जनजाति के छोटी जोत वाले किसानों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। वहीं, सरकार ने प्लास्टिक लाइनिंग फार्म तालाबों के निर्माण पर मिलने वाली सब्सिडी राशी को भी बढ़ा दी है। अब किसानों को तालाब बनवाने पर 90,000 रुपये के बजाए 1.20 लाख रुपये मिलेंगे। साथ ही सिंचाई पाइपलाइन को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार बड़ी राशि खर्च करेगी। बताया जा रहा है कि आगामी दो वर्षों में 40,000 किसानों को सिंचाई पाइपलाइन के लिए सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए साल 2023-24 में 43.20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जबकि, वर्ष 2023-24 में 158 करोड़ रुपये की लागत से 5 हजार छोटे तालाबों का निर्माण किया जाएगा।