कृषि पिटारा

राज्यवार ये हैं मूंगफली की कुछ उन्नत किस्में

नई दिल्ली: भारत मूंगफली का एक प्रमुख उत्पादक देश है। हमारे देश में मूंगफली की खेती करने वाले प्रमुख राज्य हैं – गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और राजस्थान इत्यादि। यह एक ऐसी फसल है, जिसकी बाजार में हमेशा ऊँचे भाव के साथ मांग बनी रहती है। इसकी अच्छी पैदावार के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इनमें से एक है – उपयुक्त किस्मों का चुनाव। यह चुनाव अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।

मूंगफली की अच्छी पैदावार के लिए 25-30 डिग्री सेल्सियस तापमान उत्तम माना जाता है। वैसे तो मूंगफली की खेती हल्की और भारी दोनों तरह की भूमियों में की जा सकती है। लेकिन बलुई दोमट मिट्टी में इस फसल की खेती करने पर अपेक्षाकृत अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं। दरअसल, बलुई दोमट मिट्टी में एक तरफ अच्छी जल निकासी होती है, वहीं दूसरी तरफ इसमें जीवांश और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। इन कारणों से मूंगफली की पैदावार में अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिलती है।

मूंगफली की अच्छी पैदावार के लिए फसल चक्र को अपनाना चाहिए। जहां तक खेत की तैयारी का सवाल है तो सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की एक से दो गहरी जुताई करनी चाहिए। इसके बाद दो-तीन जुताई कल्टीवेटर से करने के बाद पाटा लगाकर मूंगफली की बुआई करनी चाहिए।

किसान मित्रों, मूँगफली की अधिक पैदावार के लिए इसकी उन्नत किस्मों का चयन करना बहुत ही आवश्यक है। बेहतर होगा कि इस दौरान आप अपने राज्य की जलवायु व मिट्टी के आधार पर संस्तुत किस्मों की ही बुआई करें। उदाहरण के तौर पर गुजरात के किसान चित्रा, आर.एस.-1, एम.-335, दुर्गा, एम.ए.-10 तथा एम.-13 की बुआई कर सकते हैं। ये गुजरात राज्य की उन्नत किस्में हैं।

इसी तरह मध्य प्रदेश के किसान जवाहर, गंगापुरी, ज्योति, कौशल और आई.सी.जी.एस.-11 आदि किस्मों की बुआई कर सकते हैं। जबकि राजस्थान के किसान – चित्रा, मुक्ता, प्रकाश, आर.जी.-141, बी.ए.यू.-13 और आर.जी.-144 में से किसी किस्म की बुआई कर अच्छी पैदावार प्राप्त करने की संभावना को बढ़ा सकते हैं।

महाराष्ट्र के किसान गिरनार-1, टी.ए.जी.-24, टी.ए.जी.-26, कोंकण, गौरव, कादिरी-4, जे.एल.-220 और प्रगति आदि किस्में बो सकते हैं। इसी तरह कर्नाटक के किसान आई.सी.जी.एस.-11, गिरनार-1, एम.-206, कौशल, टी.एम.वी.-2 में से किसी भी किस्म कि बुआई कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। वहीं आंध्र प्रदेश के किसानों के लिए कादिरी-3, आई.सी.जी.एस.-11, आई.सी.जी.एस.-44, तिरूपति-3, गिरनार-1, कादिरी-4, और के.-134 किस्मों की बुआई करना लाभप्रद होगा।

जेलएल-24, वी.आर.आई.-1, वी.आर.आई.-2, टी.एम.-7, वी.आर.आई.-3, आई.सी.जी.वी.-86590, वी.आर.आई.-4 आदि तमिलनाडु कि उन्नत किस्में हैं। अगर आप उत्तर प्रदेश के किसान हैं तो बेहतर होगा कि आप एम.ए.-16, पंजाब मूंगफली-1, एस.जी.-44, आई.सी.जी.एस.-37, मुक्ता, चित्रा, प्रकाश, एच.एन.जी.-10, एम.-522, अंबर और एम.एच.-4 आदि किस्मों का चयन करें।

किसान मित्रों, मूँगफली की उपयुक्त किस्मों के अलावा अधिक पैदावार लेने के लिए बीज की सही मात्रा लेनी भी काफी ज़रूरी है। इसलिए इसका भी अवश्य ध्यान रखें।

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