कृषि पिटारा

रासायनिक उर्वरकों के मूल्य में वृद्धि जारी, किसानों के पास क्या है विकल्प?

नई दिल्ली: उत्पादन लागत में वृद्धि होने की वजह से रबी के मौसम में रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। इसके पीछे कई कारण हैं। मांग और उत्पादन के बीच बढ़ा हुआ फासला, उनमें से एक है। वहीं, इफको की मानें तो उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि उत्पादन लागत में वृद्धि के कारण हुई है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार उन्हीं उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिनकी मांग अधिक है। अधिकांश किसान रबी की बुआई के दौरान अधिक डीएपी (18:46) का उपयोग करते हैं। मांग के अनुरूप उत्पादन न होने की वजह से इस खाद की कीमत में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। डीएपी की कीमत में फिलहाल 265 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है। वहीं नाइट्रोजन-फास्फोरस और सल्फर उर्वरकों को बढ़ाकर 70 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया है।

उर्वरकों की नई दरें पिछले महीने से लागू की गई हैं। हालांकि जिनके पास पुराना स्टॉक है, कंपनी ने उन्हें पुरानी कीमत पर ही उर्वरक बेचने का निर्देश दिया है। फिर भी ऐसे किसानों की संख्या काफी कम है, जो अभी भी पुरानी दर पर उर्वरक खरीदने में सफल हो पा रहे हैं। विक्रेता फिलहाल मौके का अधिक से अधिक फायदा उठाने में लगे हुए हैं। कई जगहों पर जानबूझ कर उर्वरकों की कमी दिखाई जा रही है, जबकि वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है। ऐसे में अगर किसान थोड़ी सूझबूझ से काम लें तो इस स्थिति से निपटा जा सकता है। किसानों के पास 10:26:26, 12:32:16, 15:15, 20:20:00 का विकल्प मौजूद है। मिश्रित उर्वरकों के जरिये अच्छी उपज प्राप्त करना संभव है।

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