देश में इस समय गेहूं की सरकारी खरीद ज़ोरों पर चल रही है। वहीं दूसरी ओर मंडियों में नई फसल की आवक तेज़ हो चुकी है, जिससे गेहूं की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है। व्यापारियों की मानें तो मिलिंग क्वालिटी वाले गेहूं की कीमतें पिछले एक महीने में काफी नीचे आ गई हैं। मार्च में जहां गेहूं 3200 से 3400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बिक रहा था, वहीं अब यह घटकर 2450 से 2600 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में आ चुका है।
इस बार गेहूं का उत्पादन बंपर होने की संभावना है। मंडियों में जो फसल पहुंच रही है, उसकी गुणवत्ता भी बेहतर बताई जा रही है। इसका असर कीमतों पर भी साफ दिखाई दे रहा है। व्यापारी मानते हैं कि इस सीजन में गेहूं की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी 2425 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बनी रहेंगी क्योंकि अगले हफ्ते से मंडियों में आवक और तेज़ होने की उम्मीद है।
इस बीच पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में गेहूं की कटाई अपने चरम पर है। खाद्य मंत्रालय के अनुसार गुरुवार तक मंडियों में 13.48 मिलियन टन गेहूं की आवक दर्ज की गई है। यह आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि में हुई 6.59 मिलियन टन की आवक से दोगुना है। कीमतों में गिरावट से गेहूं की महंगाई पर भी लगाम लगने की उम्मीद जताई जा रही है। मार्च तक गेहूं की ऊंची कीमतों की वजह से अनाज की महंगाई दर 9 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।
गेहूं प्रोसेसिंग इंडस्ट्री ने इस बार उत्पादन को 110 मिलियन टन के करीब आंका है, जो पिछले साल के 105-106 मिलियन टन से अधिक है। कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि 2024-25 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) में देश में गेहूं का कुल उत्पादन रिकॉर्ड 115.3 मिलियन टन तक पहुंच सकता है। यह पिछले वर्ष की तुलना में दो प्रतिशत अधिक है। इस बार गेहूं की बुवाई भी अधिक क्षेत्रफल में हुई है, कुल 32 मिलियन हेक्टेयर में, जो कि पिछले वर्ष के 31.56 मिलियन हेक्टेयर से अधिक है।
सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद भी तेज़ी से हो रही है। 2025-26 के रबी विपणन सत्र में अब तक विभिन्न राज्यों से कुल 8.35 मिलियन टन से अधिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है। मध्य प्रदेश सबसे आगे है जहां से 4 मिलियन टन गेहूं की खरीद हुई है। इसके अलावा हरियाणा से 2.98 मिलियन टन, पंजाब से 0.52 मिलियन टन और राजस्थान से 0.48 मिलियन टन गेहूं खरीदा गया है। यह खरीद पिछले वर्ष की तुलना में 92 प्रतिशत अधिक है।
इस बार कुछ राज्यों ने एमएसपी के अतिरिक्त बोनस देने का भी ऐलान किया है। मध्य प्रदेश सरकार ने एमएसपी के अतिरिक्त 175 रुपये प्रति क्विंटल और राजस्थान सरकार ने 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है। इससे किसानों को थोड़ी अतिरिक्त राहत मिल सकती है, खासकर तब जब बाजार मूल्य लगातार गिर रहे हैं।
इस प्रकार, एक ओर जहां बंपर पैदावार और बेहतर गुणवत्ता वाली फसल से गेहूं की कीमतें नियंत्रण में हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा की जा रही त्वरित खरीद किसानों को एक सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है। इस सीजन में गेहूं की रिकॉर्ड आवक, उच्च उत्पादन और सक्रिय सरकारी हस्तक्षेप ने देश की खाद्य सुरक्षा और महंगाई नियंत्रण दोनों के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर दिया है।