पटना: कृषि भवन में वर्ष 2025-26 के लिए चलाई जाने वाली महत्वाकांक्षी योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि किसी भी योजना को लागू करने से पहले संबंधित जिले के किसानों से विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा, इस साल दो पंचायतों को आदर्श पंचायत के रूप में चयनित किया जाएगा, जिन्हें एक निश्चित धनराशि प्रदान की जाएगी।
कृषि मंत्री ने किसानों के हित में बेहतर काम करने पर दिया जोर
बैठक का नेतृत्व बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किया। इस बैठक में राज्य के सभी जिलों के जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, उप परियोजना निदेशक, सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) और सहायक निदेशक (उद्यान) शामिल हुए। कृषि मंत्री ने बैठक में कहा, “किसानों को खुश रखना हमारी जिम्मेदारी है। किसान हमारे लिए परमात्मा के समान हैं, जो हमें जीने की ताकत देते हैं। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि किसानों के हित में कार्य करें और उनके साथ सीधा संवाद सुनिश्चित करें।” उन्होंने कहा कि अब बिहार के किसान केवल जीवन निर्वाह के लिए खेती नहीं कर रहे, बल्कि वे उद्यमिता का प्रतीक बन रहे हैं।
बीज और उर्वरक की समय पर आपूर्ति के निर्देश
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को बीज और उर्वरक की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा, “राज्य के सभी जिलों में उपलब्ध बीज को जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाया जाए, ताकि वे समय पर रोपाई कर सकें और पैदावार में वृद्धि हो सके।”
योजनाओं को किसानों की जरूरत के अनुसार किया जाएगा लागू
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में पहली बार योजनाओं को लागू करने से पहले जिला स्तरीय अधिकारियों से व्यापक चर्चा की गई है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिला कृषि अधिकारी किसानों से सीधे संवाद स्थापित करें और उनकी वास्तविक जरूरतों के अनुसार योजनाओं को तैयार करें, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इनका लाभ मिल सके।
राज्य में लागू होगी ‘आदर्श पंचायत योजना’
कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष से “आदर्श पंचायत योजना” लागू की जा रही है। इसके तहत प्रत्येक जिले में दो पंचायतों का चयन किया जाएगा, जिन्हें प्रत्येक को 20 लाख रुपये की सहयोग राशि दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और किसानों को हर खेत में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि जिन जिलों में कम बारिश होती है, वहां खरीफ मक्का को प्रोत्साहित किया जाएगा और इसके लिए विशेष लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। इसके अलावा, संकर बीज, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न और मोटे अनाज (मिलेट्स) जैसी फसलों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।