कृषि पिटारा

जानिए, सागवान की खेती क्यों है इतने मुनाफे से भरी?

नई दिल्ली: सागवान का पेड़ काफी ऊंची कीमत पर बिकता है। यह एक लम्बा पतझड़ी वृक्ष है। इसकी ऊँचाई 40 मीटर तक होती है। सागवान की खेती शानदार मुनाफे से भरी है, क्योंकि इसकी मांग हमेशा से बनी हुई है। एक 14 वर्ष का सागवान का पेड़ 10-15 घन फीट की लकड़ी प्रदान करता है। यदि आप सागवान की खेती शुरू करना चाहते हैं तो बढ़िया जल निकास वाली उपजाऊ भूमि का चुनाव करें। सागवान की खेती के लिए मिट्टी का pH 6.5 या इससे अधिक होना चाहिए। क्योंकि मिट्टी की pH 6.5 से कम होने पर फसल के विकास पर काफी असर पड़ता है।

खेत की तैयारी करते समय मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए खेत की 2-3 बार जुताई करें। फिर मिट्टी को समतल करें ताकि खेत में पानी ना रुक सके। नए पौधों की रोपाई के लिए 45x45x45 से.मी. के फासले पर गड्ढे खोदें और प्रत्येक गड्ढे में सड़ी हुई रूड़ी की खाद के साथ कीटनाशी डालें।

कोन्नी टीक, वेस्ट अफ्रीकन टीक, गोदावरी टीक, साउथ एंड सेंट्रल अफ्रीकन टीक और मलाबार टीक इत्यादि सागवान की कुछ बेहतर किस्में हैं। आप इनमें से अपने क्षेत्र की संस्तुति के अनुसार किसी भी किस्म का चुनाव कर सकते हैं। सागवान की रोपाई के लिए मॉनसून का मौसम सबसे अच्छा मौसम होता है। एक एकड़ में रोपाई के लिए लगभग 1500-1800 क्लोन्स का प्रयोग करें।

किसान मित्रों, सागवान की रोपाई करने के बाद पहले तीन वर्षों में खेत को नदीनमुक्त करना आवश्यक है। इसके लिए नियत समय पर गोड़ाई करें। पहले वर्ष में 3 और दूसरे वर्ष में 2 गोड़ाई करें। फिर रोपाई के तीसरे वर्ष में एक बार गोड़ाई करें। सागवान के पौधे को मॉनसून के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। गर्मियों के महीनों में तापमान को देखते हुए आवश्यकता अनुसार सिंचाई करें। इससे आपको पैदावार में काफी हद तक एक सकारात्मक फर्क देखने को मिलेगा। किसान मित्रों, सागवान का वृक्ष जब कटाई की अवस्था में पहुंच जाए तब उस वृक्ष पर निशान लगा दें और इसकी रिपोर्ट चीफ रीज़नल फॉरेस्ट्री ऑफिस में दें। यहाँ से अनुमति मिलने के बाद ही पेड़ की कटाई करें।

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