नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव यानी पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे दी है। सरकार टेक्सटाइल के प्रॉडक्शन को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच साल में 10,683 करोड़ रुपए का खर्च करेगी। इसके तहत् मुख्य रूप से मैनमेड और टेक्निकल टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा। इसके बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए घोषित पीएलआई स्कीम से सीधे तौर पर साढ़े सात लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए पीएलआई स्कीम के बारे में केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, “कपड़ा उद्योग में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा होते हैं। देश में परंपरागत रूप से कॉटन टेक्स्टाइल पर फोकस किया जाता रहा है और इस क्षेत्र में वैश्विक बाजार में भारत का दबदबा और अच्छी ग्रोथ है। लेकिन देश को मैनमेड और टेक्निकल टेक्सटाइल पर भी ध्यान देने की जरूरत है। मैनमेड और टेक्निकल टेक्सटाइल का इंटरनेशनल लेवल पर बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। आजकल दो तिहाई ग्लोबल टेक्सटाइल मार्केट मैनमेड और टेक्निकल टेक्सटाइल का हो गया है। पीएलआई स्कीम खासतौर पर मैनमेड और टेक्निकल टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए लाई गई है।”
सरकार का मानना है कि टेक्सटाइल सेक्टर के लिए घोषित पीएलआई स्कीम का सीधा लाभ गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा को मिलेगा। पीएलआई स्कीम के तहत् सरकार कंपनियों को अतिरिक्त उत्पादन करने पर प्रोत्साहन देगी। इससे निवेशकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।