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सेना दिवस : भारतीय सेना की वो खास बातें जो आपको गर्व से भर देंगी

भारतीय सैनिकों के साहस और सौर्य की समूची दुनिया में कोई सानी नहीं है. इतिहास और जीती-जागती पीढ़ियाँ गवाह हैं कि देश के स्वाभिमान को ललकारने वाली ताकतों को भारतीय सेना ने कैसा सबक सिखाया है. मसला चाहे देश के आतंरिक संकट, आपदा-विपदा का रहा हो या फिर दुनिया के नक्शे पर भारत की पहचान को बरक़रार रखने का, भारतीय सेना ने हर मामले में नजीर पेश किया है.

आज 15 जनवरी है और आज की तारीख ‘सेना दिवस’ के तौर पर देश के लिए खास है. यह 71वाँ सेना दिवस है. 1949 में आज के दिन भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से पूरी तरह मुक्त हुई थी और फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी. इस तरह से फील्ड मार्शल करियप्पा स्वतंत्र भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ थे. वे पहले ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी. 1947 में भारत-पाक युद्ध में उन्होंने इंडियन आर्मी को कमांड किया था. आज के दिन देश की सुरक्षा में शहीद होने वाले रणबांकुरों के साहस एवं उनकी उपलब्धियों को याद किया जाता है. जवानों के दस्ते और अलग-अलग रेजीमेंटों की परेड होती है और झांकियां निकाली जाती हैं. दिल्ली के इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर आज के दिन शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है और शहीदों की विधवाओं को सेना के मेडल और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है.

सेना दिवस के मौके पर आइये जानते हैं भारतीय सेना से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें :

  • सियाचिन ग्लेशियर दुनिया की सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है, जिसकी समुद्र तल से ऊँचाई 5000 मीटर है.
  • भारतीय सेना अब तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ चार और चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है.
  • फिलहाल देश भर में भारतीय सेना की 53 छावनियां और 9 आर्मी बेस हैं. भारतीय सेना का गठन 1776 में कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी सरकार के अधीन हुआ था.
  • भारतीय संविधान में जबरन भर्ती का भी प्रावधान है लेकिन अब तक इसका प्रयोग नहीं किया गया है.
  • भारतीय सेना भौगोलिक तौर पर सात कमानों में विभाजित हैं.
  • स्थायी सेना के मामले में यह विश्व की दूसरी बड़ी सेना है.
  • फील्ड मार्शल करियप्पा के प्रभार लेने से पहले भारतीय सेना में करीब दो लाख सैनिक थे जो आज बढ़ कर 13 लाख हो चुके हैं.
  • अफगानिस्तान में तैनाती से पहले अमेरिका के स्पेशल फोर्स ने भारत स्थित हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल से ट्रेनिंग लिया था. हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल पहाड़ी इलाकों और ऊंचाई पर लड़ाई करने के ट्रेनिंग देती है और इसे दुनिया के सबसे अच्छे ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के तौर पर जाना जाता है.
  • भारतीय सेना ने 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्‍तान को कड़ी शिकस्त दी थी. आज की तारीख में दुनिया भर में मात्र तीन घुड़सवार रेजिमेंट्स रह गई हैं, जिनमें से एक भारतीय सेना के पास है.
  • भारतीय सेना की एक टुकड़ी संयुक्त राष्ट्र की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहती है. जो अब तक अनेक देशों में मसलन लेबनान, कांगो, अंगोला, नामीबिया, लाइबेरिया, कम्बोडिया, साइप्रस, अल साल्वाडोर, मोजाम्बिक, रवाण्डा, सोमालिया, श्रीलंका और वियतनाम में सैन्य अभियानों को अंजाम दे चुकी है.

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