नई दिल्ली: किसानों के वित्तीय संकट को दूर करने के लिए भारत सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कहा है कि अब से तकनीकी सर्विस चार्ज का समापन होगा जिससे किसानों को कृषि ऋण लेने में और भी सुविधा होगी। देश के किसानों के लिए यह एक बड़ी राहत हो सकती है, क्योंकि इससे उन्हें ऋण प्राप्त करने में कई तकनीकी चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत कराड ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रस्ताव के तहत यह घोषणा करते हुए कहा कि अब से तकनीकी सर्विस चार्ज, जिसे किसानों को कृषि ऋण प्राप्त करने के दौरान देना पड़ता था, सभी तरह के कृषि ऋण पर माफ होंगे। इस सुधार के बारे में डॉ. कराड ने आगे कहा कि सरकार यह कदम उठा रही है ताकि किसानों को ऋण लेने में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं आए। इस नए निर्णय के अनुसार, किसानों को अब फसल ऋण, कृषि सामग्री खरीद और अन्य कृषि संबंधित ऋण पर सर्विस चार्ज का भुगतान नहीं करना होगा।
डॉ. भागवत कराड ने लोकसभा में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गारंटी मुक्त कृषि लोन की सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये कर दिया है, जो किसानों को और भी बड़ी राहत देगा। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार छोटे एवं सीमांत किसानों को आर्थिक समस्याओं से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कर रही है और उन्हें बैंकों से ऋण प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। इस नए सुधार के साथ, किसानों को ऋण प्राप्त करने में होने वाले सर्विस चार्ज से मुक्ति मिलेगी जिससे उनका वित्तीय बोझ कम होगा और वे अपनी कृषि गतिविधियों को और भी सही ढंग से संचालित कर सकें।