नई दिल्ली: भारत में भेड़ और बकरी पालन एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक और आर्थिक गतिविधि के रूप में उभरता जा रहा है। इस व्यवसाय को किसानों के लिए कई लोग एक नकदी व्यवसाय के रूप में भी देखते हैं। यहां से प्राप्त आय किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करती है।
भेड़ और बकरी का पालन ऊन और मांस के लिए किया जाता है, जो विभिन्न उद्योगों में उपयोग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। खासतौर पर, भेड़ का ऊन और मांस दोनों ही महत्वपूर्ण उत्पाद हैं, जिससे उत्पादकों को दोहरा लाभ होता है। भारत में भेड़ पालन की व्यापकता को ध्यान में रखते हुए, यह एक महत्वपूर्ण रोजगार स्रोत बन चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में, इससे आर्थिक स्थिति में सुधार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
भेड़ पालन से न केवल ऊन और मांस का उत्पादन होता है, बल्कि यह किसानों को भी अच्छी आमदनी का अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, भेड़ की खाद भी खेतों के लिए महत्वपूर्ण होती है, जो कि कृषि उत्पादन को बढ़ावा देता है। भेड़ पालन के लिए उपयुक्त चारा और प्रजनन की अवधि का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, प्रजनन के समय भेड़ों को प्राप्त आहार की विशेष आवश्यकता होती है।
इस प्रकार, भारत में भेड़ और बकरी पालन एक महत्वपूर्ण रोजगार और आर्थिक स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण है, जो किसानों को न केवल आय का स्रोत प्रदान करता है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाता है।