सर्दियों के आगमन के साथ पराली जलाने के मामले सामने आने लगे हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है। कृषि विभाग ने चेतावनी दी है कि पराली जलाने वाले किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा। यही नहीं, इन किसानों के राशन कार्ड भी निरस्त कर दिए जाएंगे, जिससे वे सरकारी राशन का लाभ नहीं ले सकेंगे। ऐसे किसान अन्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से भी वंचित रहेंगे।
संभल के उप निदेशक कृषि, अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि दोषी किसानों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उनके कृषि यंत्र जब्त किए जाएंगे, ताकि अन्य किसानों को नियमों का पालन करने की प्रेरणा मिले। इसके अतिरिक्त, नियमों की अनदेखी करने पर 2 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा चुका है।
कृषि विभाग का कहना है कि पराली को खाद में बदलने का प्रयास करने पर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं और पर्यावरण को नुकसान से बचा सकते हैं। कृषि अधिकारियों का मानना है कि पराली का खाद के रूप में उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी।
वन मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को पराली जलाने के नुकसान और विकल्पों के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है और इसे रोकना अनिवार्य है। सरकार द्वारा उठाए गए इस सख्त कदम से उम्मीद की जा रही है कि पराली जलाने की समस्या पर अंकुश लगेगा और किसान नए समाधान अपनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।