नई दिल्ली: वह दिन हममें से कोई भूला नहीं है, जब महामारी के दौरान हम सब अपने घरों के अंदर बंद हो गए थे। हम सब अपने घर में रहें, सुरक्षित रहें और हमें किसी ज़रूरत की वजह से घर से बाहर न जाना पड़े – इसे सुनिश्चित करने के लिए काफी लोग अपने घरों से बाहर दिन रात काम कर रहे थे। उन्हीं में से एक थे हमारे देश के – ट्रक चालक। उन्होने वो सब चीजें देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुँचाई जिसकी हमें ज़रूरत थी। इस तरह से उन्होने अपने और अपने परिवार के जीवन की परवाह किए बिना हमारे जीवन की रक्षा की। पर क्या इसके बदले में हमने उन्हें कुछ दिया? क्या हमने उनके लिए आभार को दो शब्द भी कहे? शायद हमने ऐसा कुछ नहीं किया जो महामारी के दौरान उनके द्वारा किए गए त्याग और संघर्ष के एवज में थोड़ा कुछ भी होता।
इस बार भी रक्षाबंधन के अवसर पर गल्फ ऑयल इंडिया ने एक प्रशंसनीय पहल की है। यह पहल उन लाखों ट्रक चालकों के प्रति आभार व उनके लिए सच में कुछ करने के रूप में है, जिनके प्रति हमारा फर्ज़ अब भी बाकी है। दरअसल गल्फ ऑयल इंडिया ने ‘गल्फ सुपरफ्लीट सुरक्षाबंधन सीजन – 3’ के कैम्पेन के तहत् 10,000 ट्रक चालकों को वैक्सीन का टीका लगाकर उनकी रक्षा करने की एक ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली है। इस लक्ष्य को 22 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दिन तक पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की गई है।
गल्फ ऑयल इंडिया ने ‘गल्फ सुपरफ्लीट सुरक्षा बंधन अभियान’ के एक हिस्से के रूप में, ट्रक चालकों की सराहना करने के लिए एक डिजिटल फिल्म भी लॉन्च की है, जो महामारी के दौरान तमाम आवश्यक सामग्रियों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दिन रात अपने घरों से बाहर रहे। चाहे वह कोई त्योहार का ही दिन क्यों न था। महामारी के दौरान कई फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के त्याग की सराहना की गई, लेकिन ट्रक चालकों की भूमिका को काफी हद तक भुला दिया गया।
रक्षाबंधन के त्योहार पर आधारित गल्फ ऑयल इंडिया द्वारा निर्मित उक्त डिजिटल फिल्म यह भली भाँति दर्शाती है कि कैसे कभी-कभी प्रियजनों को भी अपना दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता होती है। इस फिल्म के अंत में हमें यह देखने को मिलता है कि एक ट्रक चालक भाई और उसकी बहन द्वारा साझा किया गया एक सुंदर और भावनात्मक बंधन कैसे जीवंत हो जाता है। यह फिल्म हमें दिखाती है कि महामारी के सबसे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर और तमाम चिकित्सा आपूर्ति देने के लिए ट्रक चालकों ने कैसे निःस्वार्थ भाव से काम किया। इस दौरान वे अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे। जब बहन को यह अहसास होता है, तो वह अपने ट्रक चालक भाई को गल्फ ऑयल द्वारा आयोजित टीकाकरण शिविर में ले जाती है। वहाँ वह अपने भाई को कोविड -19 के खिलाफ टीका लगाकर उसकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करती है।