नई दिल्ली: सागवान (Teak) एक महत्वपूर्ण लकड़ी वृक्ष है जो अपनी उच्च गुणवत्ता और विशेष वनस्पतिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘Tectona grandis’ है। यह लकड़ी भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया व आफ्रिका के विभिन्न भूभागों में पाई जाती है। सागवान की खेती वनस्पति उत्पादन, वन्यजीव संरक्षण और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होती है।
सागवान की लकड़ी की अपनी एक विशिष्ट गुणवत्ता होती है। यह काफी लंबी होती है, जिससे यह वनस्पति फर्नीचर, बोट निर्माण और घरों के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। सागवान के वृक्ष वन्यजीवों के लिए आवास के रूप में महत्वपूर्ण होते हैं और उनके संरक्षण हेतु ये महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करते हैं। सागवान की खेती किसानों के लिए आर्थिक रूप से बहुत फायदेमंद होती है। क्योंकि इस लकड़ी मजबूती के लिए प्रसिद्ध है। इससे बने फर्नीचर सालों साल चलते हैं। इसलिए इसकी मांग में हमेशा उछाल बनी रहती है।
अगर आप सागवान की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए उपयुक्त भूमि का चयन करें, जो अच्छे जल निकास वाली हो। साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता का भी ध्यान रखें। सागवान की बुवाई के लिए हमेशा उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें और उन्हें नर्सरी में विकसित होने के बाद बगीचे में लगाएँ। आप चाहें तो किसी अच्छी पौधशाला से सागवान के पौधे ले सकते हैं। इससे इस बात की बहुत संभावना रहेगी कि सागवान के वृक्ष आगे चल कर कीटों के हमले और रोगों के संक्रामण से मुक्त रहेंगे। सागवान की खेती से न केवल वनस्पति उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण और आर्थिक विकास के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान करती है।