कृषि पिटारा

केंद्र सरकार ने लिया गन्ने की एफआरपी बढ़ाने का फैसला

नई दिल्ली: गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, केंद्र सरकार ने द कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कास्ट्स एंड प्राइज की सिफारिश पर गन्ने की एफआरपी (फर्स्ट अडवांस रिसर्वेशन प्राइस) बढ़ाने का फैसला लिया है। इस फैसले के अनुसार, गन्ने की एफआरपी में 10 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अब गन्ने की एफआरपी 305 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। यह फैसला अक्टूबर से लागू होगा, जो नए शक्कर वर्ष की शुरुआत होती है। इस फैसले से उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। सरकार के इस फैसले से गन्ना उत्पादक किसानों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है और लाखों किसानों को इससे फायदा पहुंचेगा।

उत्तर प्रदेश भारत में गन्ने की खेती के मामले में अग्रणी राज्य है। इस राज्य में लाखों किसान गन्ने की खेती से जुड़े हुए हैं। इस वर्ष (2022-23) के फसल सीजन में उत्तर प्रदेश में 28.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की फार्मिंग की गई। इसके बाद महाराष्ट्र का स्थान है, जहां 14.9 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बुवाई हुई है। यहां तक कि पूरे भारत में गन्ने की कुल रकबा 62 लाख हेक्टेयर है, जिसमें उत्तर प्रदेश का हिस्सा 46 प्रतिशत है।

उत्तर प्रदेश में 119 चीनी मिलें हैं और 50 लाख से अधिक किसान गन्ने की खेती करते हैं। इस साल, यूपी में कुल 1102.49 लाख टन गन्ने की उपज हुई है। इन मिलों में 1,099.49 लाख टन गन्ने की पेराई की गई और इससे 105 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। उत्तर प्रदेश के शामली जिले में सबसे अधिक गन्ने की उपज होती है, जहां औसतन 962.12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने की पैदावार होती है।

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