कृषि पिटारा

AI के जरिये आने वाले समय में बदलेगा कृषि का स्वरूप

नई दिल्ली: बदलते समय के साथ खेती में भी बड़े परिवर्तन आए हैं। आजकल, खेती से जुड़े कामों को जल्दी से जल्दी करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जा रहा है। इससे समय की बचत होती है, साथ ही किसान कम समय में अधिक कमाई कर सकते हैं।

AI के जरिए मौसम के पूर्वानुमान, खेतों की देखभाल और फसल के समुचित विकास पर निगरानी जैसे काम किए जा रहे हैं। इससे किसानों को सही समय पर खाद-पानी की जरूरत का पता चल रहा है। अब तो ड्रोन की मदद से देश के कई क्षेत्रों में कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है, जो खेतों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

यही नहीं, मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के माध्यम से, AI के जरिए खेती में फसल उत्पादन, कीटनाशक और रोग प्रबंधन पर काम भी अब रफ्तार पकड़ रही है। मशीनों में सेंसर और उपकरणों की मदद से, खेती में सिंचाई, खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल ऑटोमेटिक रूप से हो सकता है। एआई के जरिए ज्यादातर मशीनें ऑटोमेटिक हो जाती हैं, जिससे किसान समय और श्रम दोनों बचा सकते हैं, जिससे उनके उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है।

कृषि कार्यों में किसानों को सबसे अधिक रोगों का डर होता है, जिससे उन्हें बचाव के लिए AI की मदद लेनी चाहिए। AI किसानों को बाजार की मांग और मूल्य निर्धारण के रुझानों का विश्लेषण करने में मदद करता है, जिससे उन्हें अपनी फसलों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलती है। ऐसा माना जा रहा है कृषि क्षेत्र में मौजूद सभी तकनीकों में से AI आने वाले समय की दिशा तय करेगा।

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