नई दिल्ली: इस वर्ष देश में रबी फसलों के रकबे में वृद्धि हुई है। इसकी पुष्टि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की है। उन्होंने कहा है कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष रबी की फसल के क्षेत्रफल में 24.13 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष इसी अवधि के 138.35 लाख हेक्टेयर की तुलना में अभी तक 152.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई की गई है। क्योंकि प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं की क्षेत्रीय कवरेज में भी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष की तुलना में गेहूं के क्षेत्रफल में 14.53 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है।
रबी फसलों पर तेज बुवाई के आधार पर खाद्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह अनुमान लगाया था कि मार्च 2023 के अंत तक सरकार के पास 11.3 मिलियन टन गेहूं और 23.6 मिलियन टन चावल होगा, जो देश की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। विश्लेषकों का मानना है कि तेजी से शुरुआती विस्तार को देखते हुए स्टेपल का उत्पादन पिछले सीजन से अधिक हो सकता है। यह 2022-23 के दौरान पर्याप्त गेहूं का उत्पादन स्टॉक को फिर से भरने के लिए महत्वपूर्ण होगा। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यदि वर्तमान रुझान जारी रहता है, तो गेहूं का कुल उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होने की संभावना है। साथ ही अगर गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध अगले साल तक जारी रहता है, तो कीमतें कम होंगी और सरकार की गेहूं की खरीद पिछले सीजन की तुलना में अधिक होगी।
आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा रबी सीजन के दौरान अब तक कुल 35.8 मिलियन हेक्टेयर में बुवाई की गई है, जो साल भर पहले की अवधि की तुलना में 2.41 मिलियन हेक्टेयर अधिक है। इसी तरह तिलहन के रकबे में भी इस साल विस्तार हुआ है। इसका क्षेत्र 13.58% बढ़कर 7.57 मिलियन हेक्टेयर हो गया है, जो कि एक साल पहले की अवधि में 6.6 मिलियन हेक्टेयर था। वहीं, इस बार 94.3 लाख हेक्टेयर की दलहन की बुवाई की गई है, जो कि पिछले वर्ष 94.2 लाख हेक्टेयर था।