नई दिल्ली: आज के समय में काफी किसान कृषि के जरिये बढ़िया आमदनी प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयोग कर रहे हैं। इनमें व्यावसायिक फसलों की खेती से लेकर उनके क्षेत्र के लिए नई फसलों की खेती भी शामिल है। ऐसे किसान कुछ फसलों की अगेती खेती में भी हाथ आजमा रहे हैं। इससे उन्हें अपेक्षाकृत अधिक मुनाफा मिल रहा है। क्योंकि समय से पहले तैयार फसलों का भाव बाज़ार में हमेशा ही ऊँचा रहता है। क्योंकि तब मंडी में उस फसल विशेष की आवक काफी कम होती है। यह सही है कि नए-नए प्रयोगों में जोखिम की थोड़ी संभावना रहती है, लेकिन इसमें मुनाफे का अनुपात भी उतना ही अधिक होता है। अगर आप भी कृषि के क्षेत्र में कुछ नए प्रयोग करना चाहते हैं तो आप रबी सीजन में लगाई जाने वाली फसलों की अगेती खेती कर इसकी शुरुआत कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ बातों का खास तौर पर ध्यान रखना होगा। मसलन –
रबी सीजन में लगाई जाने वाली फसलों की अगेती खेती के लिए खाली पड़े खेत या अगेती धान की कटाई कर आप खेत की अच्छी तरह से जुताई करें।
अगर खेत में खर-पतवार अगर अधिक हों तो खर-पतवारनाशी दवा का छिड़काव करना लाभदायक होगा।
यदि खेत की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो तो इसकी भरपाई के लिए खेतों में जुताई के समय वर्मी कंपोस्ट या सामान्य कंपोस्ट अवश्य दें।
बेहतर होगा कि मिट्टी एवं जलवायु के अनुसार ही आप खेत में बोई जाने वाली फसल का चुनाव करें। इससे आपको अधिक पैदावार प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
रबी मौसम की अगेती खेती के तौर पर आप नवंबर महीने में मक्का, तोरी, राई, चना, सूरजमुखी, आलू और गन्ने की खेती कर सकते हैं। जबकि रबी चारे के लिए बरसीम की फसल बो सकते हैं।
गेहूं की बोआई मध्य नवंबर में जब तापमान 20 डिग्री से नीचे आने लगे तब करना चाहिए। मध्य नवंबर में हीं सब्जी के लिए मटर को राईजेवियम से उपचारित कर लगाना फायदेमंद होता है।
किसी भी फसल का बीज प्रमाणित दुकान से लें एवं पक्की रसीद भी अवश्य लें।
खाद उर्वरक भी प्रमाणित दुकान से लें और नकली खाद से सावधान रहें।
फसल तैयार होने तक बीज एवं खाद की रसीद सम्हाल कर रखें।
फसल लगाने से पहले खेत की मिट्टी की जांच ज़रूर कराएँ।
खेतों में खाद या कीटनाशी दवा का छिड़काव हमेशा वैज्ञानिक सलाह के अनुसार ही करें।
खेत की अच्छी जोताई एवं समय पर बुआई करें ताकि अच्छी उत्पादकता प्राप्त की जा सके।