कृषि पिटारा

गेहूं की सरकारी खरीद में सुस्ती की ये हैं प्रमुख वजहें

नई दिल्ली: रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 में एमएसपी पर होने वाली गेहूं की खरीद 2022-23 के मुकाबले काफी पीछे चल रही है। इस साल 16 अप्रैल तक देश में महज 41.69 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो पाई है। वहीं, पिछले वर्ष 17 अप्रैल तक 69.24 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। काफी किसान सरकार की बजाय इस साल भी व्यापारियों को गेहूं बेचना पसंद कर रहे हैं। इस साल सरकार ने 341.50 लाख टन गेहूं खरीदने के लक्ष्य रखा है। अगर यही स्थिति रही तो इस लक्ष्य को पूरा कर पाना आसान नहीं होगा। 

इस साल 15 गेहूं उत्पादक राज्यों में से अब तक केवल छह राज्यों में ही एमएसपी पर गेहूं की खरीद हो सकी है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है। इसकी गेहूं उत्पादन में करीब 35 प्रत‍िशत की हिस्सेदारी है। यहां पर 16 अप्रैल तक सिर्फ 42 हजार टन गेहूं की खरीद हो सकी है। उत्तर प्रदेश में इस साल गेहूं खरीद का लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन का है। यहां पिछले साल भी इतना ही टारगेट था  लेकिन एमएसपी पर खरीद सिर्फ 3.36 लाख मीट्रिक टन ही हो पाई थी। सेंट्रल पूल यानी बफर स्टॉक के लिए सबसे ज्यादा गेहूं पंजाब और हरियाणा से खरीदा जाता है। पंजाब गेहूं खरीद में अक्सर नंबर वन रहता है, लेकिन इस साल वह भी काफी पीछे है। एफसीआई के अनुसार यहां 16 अप्रैल तक मात्र 10.75 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद हो सकी है। पिछले साल 17 अप्रैल तक पंजाब में 32 लाख टन से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका था। वहीं हरियाणा में 16 अप्रैल तक मात्र 7.20 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। यहां पिछले साल 17 अप्रैल तक 27,76,496 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका था।

एमएसपी पर गेहूं की सरकारी खरीद में सुस्ती के पीछे कृषि विशेषज्ञों की अपनी राय है। उनके अनुसार कुछ किसानों को उम्मीद है कि पिछले वर्ष की तरह इस साल भी गेहूं का दाम एमएसपी से अधिक रहेगा। इसलिए वो सिर्फ उतना ही गेहूं सरकार या व्यापरियों को बेच रहे हैं जितने की उनको ज़रूरत है। या फिर वो अच्छी गुणवत्ता वाला गेहूं अपने पास रखकर फिलहाल खराब गुणवत्ता वाला गेहूं बेचने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मौसम की प्रतिकूलता भी खरीद में देरी की एक प्रमुख वजह है। कई राज्यों में गेहूं की कटाई से ठीक पहले बारिश और ओलावृष्टि के बाद गेहूं की गुणवत्ता खराब हो गई। इस कारण खरीद में देरी हुई। पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान में एमएसपी पर खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में छूट 10 अप्रैल की शाम को मिली। जबकि मध्य प्रदेश में पहले ही यह छूट मिल चुकी चुकी थी। इससे वहाँ गेहूं की खरीद में थोड़ी तेजी ज़रूर देखने को मिल रही है। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि इन सभी मिलीजुली वजहों से ही गेहूं की मंडियों में अबतक सन्नाटा पसरा हुआ है।

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