लखनऊ: इस बार देश के कई राज्यों में मॉनसून की अनिश्चितता व अनुमान से कम बारिश की वजह खरीफ की खेती प्रभावित हुई है। इस वजह से कई राज्यों में सूखे के हालात बने हैं और धान की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है। सूखे से प्रभावित राज्यों में की सूची में उत्तर प्रदेश भी शामिल है, जहाँ कम बारिश की वजह से 17 जिलों में सूखे के हालात बने हुए हैं। सूखा प्रभावित इन जिलों में पूर्वांचल के सबसे अधिक जिले हैं। यहाँ के किसान अब सरकारी मदद की आस में बैठे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में उपजे सूखे की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुई है। विगत 7 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने स्थिति का जायजा लेने के लिए एक बैठक की, जिसमें उन्होंने जिलाधिकारियों को सूखे की समीक्षा कर उसकी रिपोर्ट शासन को भेजने को कहा था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कई जिलों ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी है, जिसमें प्रदेश के 17 जिलों में सूखे के हालात की पुष्टि की गई है। उत्तर प्रदेश शासन को मिली रिपोर्ट में अभी भले ही सूखा प्रभावित जिलों की संख्या 17 बताई जा रही है लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि सूखा प्रभावित जिलो की संख्या में अभी और इजाफा हो सकता है। क्योंकि अभी भी कई जिलों ने पोर्टल पर आंकड़ों को अंतिम नहीं माना है। इसके पीछे की जो वजह सामने आ रही है, उसके मुताबिक अभी कुछ जिलों के कई गांवों में सर्वेक्षण का काम बाकी रह गया है।
अगर उत्तर प्रदेश शासन को मिली रिपोर्ट की मानें तो अबतक प्रदेश भर में कम बारिश की वजह से बने सूखे की स्थिति से 17 जिलों में कुल 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं इन जिलों की खरीफ सीजन की 33 फीसदी फसलों के नुकसान का अनुमान भी लगाया गया है। इसमें सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को हुआ है। असल में धान की बुवाई और रोपाई के लिए पानी की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। इस वजह से यूपी में इस बार धान का रकबा घटा है। अब तक मिली सूचना के आधार पर उत्तर प्रदेश के जो 17 जिले सूखे से प्रभावित हैं उनमें सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, गोंडा, प्रयागराज, चंदौली, कुशीनगर आदि जिले भी शामिल हैं।