नई दिल्ली: सहजन की खेती अधिक आमदनी प्राप्त करने का एक अच्छा विकल्प है। अगर इसकी खेती में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इसके जरिये हर महीने लाखों रुपए की कमाई की जा सकती है। सहजन या ड्रम स्टिक की खेती के साथ एक और अच्छी बात ये है कि इसमें हर बार खेत तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती है, ना ही इसके लिए बार-बार बीज लगाने की जरूरत होती है। एक बार सहजन का बीज लगाने के बाद इससे चार साल तक कमाई की जा सकती है।
सहजन का पौधा लगाने के पांच महीने बाद ही फल देना शुरु कर देता है। इसकी जड़ और पत्तियों से भी कई तरह के उत्पाद तैयार किये जाते हैं। इस तरह यह कई प्रकार से आमदनी देता है। सहजन की खेती के लिए तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। इसे अप्रैल-मई में लगाया जाता है, ताकि दिसंबर-जनवरी के महीने में सहजन निकलना शुरु हो जाए। सहजन के पौधे की उम्र 10 साल से अधिक की होती है। पीकेएम – एक और पीकेएम – दो सहजन की उन्नत किस्में हैं। अगर आप व्यावसायिक स्तर पर सहजन की खेती करना चाहते हैं तो इन किस्मों की बुआई आपके लिए एक अच्छा फैसला साबित हो सकती है।
सहजन की खेती करना काफी आसान है। इसे हमेशा पंक्ति में लगाना चाहिए। इस दौरान दो पौधों के बीच पांच फीट की दूरी और दो पंक्तियों के बीच 12 फीट की दूरी बनाए रखनी चाहिए। अगर आप एक एकड़ खेत में सहजन की खेती कर रहे हैं तो लगभग 500 से 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होगी। आप पौधों के अच्छे विकास के लिए यूरिया और डीएपी दे सकते हैं। हाँ, जब सहजन के पौधे थोड़े बड़े हो जाएँ तो उनमें गोबर डाल सकते हैं। इस फसल को अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती है।
आमतौर पर सहजन के जो पेड़ पूरी तरह से विकसित होते हैं उनसे पहले बीज निकाले जाते हैं। इसके लिए फली को लगभग साढ़े तीन महीने तक पेड़ पर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। फिर इससे बीज निकाला जाता है। इसके बाद बीज को अच्छी तरह से सूखाकर सल्फर और नीम ऑयल का स्प्रे किया जाता है। इससे बीज अधिक समय तक सुरक्षित रहते हैं। जहां तक पैदावार का सवाल है तो एक एकड़ भूमि में सहजन की खेती कर पहले साल में 12 से 13 टन उपज आसानी से प्राप्त हो जाती है। इसके बाद दूसरे-तीसरे साल में उत्पादन और बढ़ता है तथा 16-17 टन तक हो जाता है। इस हिसाब से एक एकड़ खेत में सहजन की खेती कर पहले साल में ही किसान कम से कम तीन लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं। जबकि इतनी भूमि में सहजन की खेती पर मात्र 25 से 30 हजार रुपये की लागत आती है।