पटना: बिहार सरकार ने प्रदेश में फलों और सब्जियों की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए एक शानदार योजना लॉन्च की है। इस योजना के तहत किसानों को बंपर सब्सिडी दी जाएगी। बिहार के किसान हरी सब्जियों के साथ-साथ फलों की भी खेती करते हैं। लेकिन, भंडारण का उचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से उनकी काफी फसल बर्बाद हो जाती है। ऐसे में किसान उचित मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं। यहां से सब्जियों का दूसरे राज्यों में निर्यात होता है। लेकिन कोल्ड स्टोरेज की उचित व्यवस्था नहीं होने के चलते किसान ज्यादा दिन तक अपनी पैदावार को स्टॉक नहीं कर पाते हैं। ऐसे में उन्हें जल्द ही औने-पौने दाम पर अपने उत्पाद को बेचना पड़ता है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा नहीं होता है। साथ कोल्ड स्टोरेज न होने की वजह से उत्पादों की बर्बादी भी हो जाती है, जिससे किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ता है।
हालांकि, किसानों को अब चिंता करने की आवश्यकता नहीं हैं। क्योंकि सरकार की एक योजना से इस समस्या का समाधान होने वाला है। दरअसल, बिहार सरकार ने किसानों की उक्त समस्या को दूर करने के लिए अपनी मंडी/ ग्रामीण बाजार नाम से एक शानदार पहल शुरू की है। अपनी मंडी/ ग्रामीण बाजार के तहत बिहार सरकार प्रदेश में किसानों की भंडारण क्षमता बढ़ाना चाह रही है। यही वजह है कि सरकार ने उत्पादित फल और सब्जी की बिक्री के लिए एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत अपनी मंडी/ ग्रामीण बाजार स्कीम को शुरू किया है। इसके तहत सरकार फल और सब्जियों को भंडारण करने के लिए इकाई लागत 25 लाख रुपये निर्धारित की गई है। इसके ऊपर किसानों और उद्यमियों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, एफपीओ और एफपीसी को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। अगर किसान इस योजना के बारे में अधिक जानकारी लेना चाहते हैं, तो वे उद्यान पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
गौरतलब है कि बिहार सरकार राज्य में बागवानी फसल को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत किसानों को सब्सिडी दे रही है। अभी सरकार की तरफ से अमरूद, सेब, आम, कटहल, जामुन, आंवला, लीची और केला की खेती करने पर बंपर सब्सिडी दी जा रही है। अगर किसान सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।