नई दिल्ली: भारत सरकार किसानों को लगातार खेती के साथ दूसरे कृषि कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इस विधि को मिश्रित खेत कहते हैं। मिश्रित खेती करने से किसानों को अतिरिक्त आमदनी मिल जाती है। मिश्रित खेती में खेती के साथ-साथ पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन करना शामिल है।
अगर मिश्रित खेती के कुछ प्रमुख फायदों की बात करें तो इसके जरिये किसानों को कई फायदे होते हैं। मसलन – इससे किसानों की आमदनी में वृद्धि होती है, क्योंकि वे अपने उत्पादन को विविध कर सकते हैं और अलग-अलग उत्पादों को बाजार में बेच सकते हैं। इसके अलावा मिश्रित खेती से किसानों का जोखिम कम होता है, क्योंकि वे एक ही उत्पाद पर निर्भर नहीं होते हैं। ऐसे में अगर किसी उत्पाद की कीमत या उपज में गिरावट होती है, तो वे दूसरे उत्पादों से कमाई कर सकते हैं। मिश्रित खेती से किसानों को जीविकोपार्जन के लिये अधिक विकल्प मिलते हैं, क्योंकि वे अपनी खेती के साथ-साथ अन्य कृषि संबंधित कार्य भी कर सकते हैं, जैसे पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन इत्यादि। मिश्रित खेती से किसानों का खेती पर निर्भरता कम होती है, क्योंकि वे अपने खेतों के अलावा भी अन्य स्रोतों से आय प्राप्त कर सकते हैं। मिश्रित खेती से किसानों द्वारा खेतों का उपयोग अधिक कुशल और समृद्ध होता है, क्योंकि वे अपने खेतों को अलग-अलग प्रकार के फसलों और पशुओं के लिये उपयोग कर सकते हैं। यही नहीं, मिश्रित खेती से किसानों की पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है, क्योंकि वे अपने खेतों को जैविक व सतत रूप से संभाल सकते हैं।
मिश्रित खेती के अंतर्गत्त किसान चाहें तो खेती के साथ मछली पालन भी कर सकते हैं। भारत सरकार ने देश में खेती के साथ-साथ मछली पालन को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की है। इसके तहत तालाब की खुदाई के लिये सरकार किसानों या मछलीपालकों को 60 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और जवाबदेह विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाना है। इस योजना के अंतर्गत सरकार ने किसानों/मछली पालकों को तालाब की खुदाई के लिये 60 प्रतिशत तक का अनुदान देने का प्रावधान किया है। इससे किसानों/मछलीपालकों को अपने खेतों में जल संरक्षण करने का अवसर मिलेगा, मछली उत्पादन और निर्यात में वृद्धि होगी, मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय दोगुनी होगी साथ ही पैदावार के बाद का नुकसान कम होगा और मत्स्य पालन क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए पात्र होने के लिए आपको निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
आपके पास आपका आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, बैंक खाते का विवरण और मछली पालन कार्ड होना चाहिए। आपको कम से कम 1 बीघा क्षेत्र में तालाब की खुदाई करनी होगी, जिसके लिए सरकार आपको 40 से 60 प्रतिशत तक का अनुदान देगी। आपको अपने खेतों में मछली पालन करना होगा, जिसके लिए सरकार आपको मछली के बीज, चारा, औषधि और अन्य सामग्री की आपूर्ति करेगी। साथ ही आपको अपने उत्पादन को बाजार में बेचने के लिए सरकार आपको वैल्यू चेन, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट और गुणवत्ता सुधार की सुविधा प्रदान करेगी। इस तरह से आप मिश्रित खेती करते हुए मत्स्य पालन कर अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर आर्थिक उन्नति की ओर बढ़ सकते हैं।