कृषि पिटारा

कृषि यंत्रों के उपयोग को विभिन्न सरकारें ऐसे कर रही हैं प्रोत्साहित

भोपाल: आज के समय में कृषि क्षेत्र में मशीनों के इस्तेमाल से कृषि कार्य करने में किसानों को काफी सहूलियत हो गई है। इससे समय और श्रम की काफी बचत हो रही है। खेती को आसान बनाने के लिए निरंतर नई तकनीकों के आविष्कार पर ज़ोर दिया जा रहा है। मशीनों की सहायता से खेती पर आने वाली लागत भी कम होती जा रही है। यही वजह है कि अलग- अलग राज्य सरकारें अपने प्रदेश में कृषि यंत्रों की खरीद पर भारी सब्सिडी दे रही हैं।

अगर आप मध्य प्रदेश के किसान हैं तो राज्य सरकार की एक योजना से आपको काफी फायदा होने वाला है। दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत कृषि मशीनों की खरीद पर बंपर सब्सिडी देने का ऐलान किया है। सरकार का मानना है कि वर्तमान में खेती तकनीकी आधारित हो गई है। यदि किसानों को नई मशीनों की खरीद पर आर्थिक सहायता न दी जाए, तो से अन्य राज्यों के किसानों से पिछड़ जाएंगे। चूकि कई कृषि यंत्र बहुत ही महंगे आते हैं। उन्हें सभी किसान नहीं खरीद सकते हैं। उन कृषि यंत्रों तक किसानों की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए ही मध्य प्रदेश सरकार ने अनुदान की व्यवस्था कर रखी है। सरकार ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना के तहत कृषि ऊपकरणों और मशीनों की खरीद पर 30 से 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। इससे किसानों को सुपर सीडर, क्रॉप रीपर, हैप्पी सीडर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर, श्रू मास्टर, मल्चर और सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम की खरीद करने पर 40 से 60 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा।

बता दें कि आज जितने भी विकसित देश हैं, वहां यंत्रों और मशीनों की सहायता से खेती की जा रही है। उन देशों में किसान अकेले ही कृषि यंत्रों की सहायता से सैंकड़ों एकड़ भूमि में खेती कर रहे हैं। यदि भारत में सभी किसानों के पास कृषि यंत्र की व्यवस्था हो जाए, तो वे भी पश्चिमी देशों के किसानों की तरह बेहतरीन तरीके से खेती कर सकेंगे। हमारे देश में भी हाल के वर्षों में कृषि यंत्रों के उपयोग की ओर किसानों का झुकाव हुआ है। मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे राज्य भी कृषि यंत्रों की खरीद पर समय- समय पर अनुदान दे रहे हैं। बीते फरवरी महीने में पंजाब सरकार ने कृषि यंत्रों की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का ऐलान किया था। इसके तहत सामान्य श्रेणी के किसानों को 40 प्रतिशत और अन्य श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रवाधान किया गया था।

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