कृषि पिटारा

दाल की कीमतें नियंत्रित करने के लिए सरकार की ये है योजना

नई दिल्ली: अगले साल दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार दो सूत्रीय योजना पर काम कर रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को इस क्षेत्र के दिग्गज संगठनों से इस संबंध में बात की है और संकेत दिया कि सरकार घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात को आसान बनाने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। वहीं मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि अगले साल सप्लाई की स्थिति और बेहतर हो जाएगी। बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों का समर्थन करने के कदम उठाएगी और सस्ते दामों पर इन उत्पादों को उपलब्ध कराने के अपने उद्देश्य के तहत आयात को भी कारगर बनाएगी।

एक सरकारी बयान के अनुसार, उपभोक्ता मामलों का विभाग दलहन उत्पादन बढ़ाने के मकसद से भारतीय किसानों का समर्थन करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने दलहन संघों के साथ बैठक के दौरान कहा कि आयातकों को दालों के निर्बाध आयात के लिए भी समर्थन दिया जाएगा ताकि उपभोक्ताओं को वर्ष 2023 के दौरान सस्ती कीमतों पर दालें उपलब्ध हों। इसके अलावा उन्होंने घरेलू उत्पादन और दालों के आयात विशेष रूप से अरहर, उड़द और मसूर दोनों के महत्व को भी दोहराया।

सरकार के बयान के मुताबिक, आने वाले वर्ष में दाल की वैश्विक उपलब्धता बेहतर होने की उम्मीद है। साथ ही म्यामार से दाल की आवक शुरू हो गई है और अफ्रीकी देशों में दालों की बुवाई के रकबे में वृद्धि का संकेत मिल रहे हैं। इससे दालों के आयात का निरंतर प्रवाह बनाए रखना और उपलब्धता से संबंधित चिंताओं को दूर करना संभव हो सकता है। वहीं इस साल भारत में भी दाल की बुवाई का क्षेत्र बेहतर रहा है जिससे अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है।

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