कृषि पिटारा

चावल की खरीद पर ये है सरकार का नजरिया

नई दिल्ली: सरकार की ओर से अक्टूबर सीजन में जारी चावल की खरीद बीते साल की समान अवधि की तुलना में करीब 13 फीसदी कम हुई है। पंजाब और हरियाणा में चावल खरीद टारगेट पूरा हुआ है, जबकि आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में सबसे कम खरीद हुई है। सरकार ने चावल एसोसिएशन और ट्रेडर्स से खुदरा कीमतें घटाने के निर्देश दिए हैं ताकि, पहले से महंगाई से परेशान आम जनता को चावल के और महंगे होने का सामना न करना पड़े।

अक्टूबर को सीजन शुरू होने के बाद से 3 महीने में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के माध्यम से भारत की चावल की खरीद एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 12.7 प्रतिशत घट गई है। हालांकि, सरकार को अगले कुछ महीनों में चावल खरीद बढ़ाने और इस कमी को पूरा करने का भरोसा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार पंजाब और हरियाणा में खरीद पूरी हो चुकी है और टारगेट के बराबर खरीद हुई है। एफसीआई पंजाब में 124.08 लाख टन चावल खरीदने में सक्षम रहा है, जो पिछले साल से 2 प्रतिशत अधिक है। हरियाणा में 39.42 लाख टन खरीद हुई है, जो 2022 में 39.5 लाख टन खरीद से थोड़ा कम है।

केंद्र ने चावल एसोसिएशनों से तत्काल प्रभाव से चावल की खुदरा कीमत कम करने को कहा है। आधिकारिक नोटिफिकेशन में सरकार ने भारत में चावल उद्योग संघों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि चावल की खुदरा कीमत तत्काल प्रभाव से कम हो।

बैठक में सुझाव दिया गया है कि जहां एमआरपी और वास्तविक खुदरा मूल्य के बीच बड़ा अंतर है, वहां उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए इसे सही स्तर पर लाने की जरूरत है। यह आदेश थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं द्वारा प्राप्त मार्जिन में तेज वृद्धि की रिपोर्ट के बीच आया है। ऐसी रिपोर्ट आई हैं कि थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को मिलने वाले मार्जिन में वृद्धि हुई है, जिसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने राइस प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री को बताया है कि अच्छी क्वालिटी वाले चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, जिसे ओपेन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत 29 रुपये प्रति किलोग्राम के रिजर्व मूल्य पर उपलब्ध कराया जा रहा है। यह भी सुझाव दिया गया कि व्यापारी ओपेन मार्केट सेल स्कीम के तहत एफसीआई से चावल उठाने पर विचार कर सकते हैं, जिसे उपभोक्ताओं को उचित मार्जिन के साथ बेचा जा सकता है।

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