नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए ‘श्री अन्न’ योजना की शुरुआत की है। इसी बीच खबर मिल रही है कि सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए दिल्ली में बाजरा वेंडिंग मशीन लगाने का भी फैसला किया है। यही नहीं, यहाँ इस अनाज से संबंधित एक एक्सपीरियंस सेंटर भी बनाया जाएगा, जहाँ लोग इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं से रूबरू हो सकेंगे।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्यान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भारत के साथ- साथ पूरे विश्व में ‘बाजारा मिशन’ 2023 को बढ़ावा देने के लिए सहकारी नेफेड को भी इस मिशन में जोड़ लिया है। उल्लेखनीय बात यह है कि नेफेड के सहयोग से दिल्ली में बाजरा वेंडिंग मशीनों और एक्सपीरियंस सेंटर की स्थापना की जाएगी। वहीं, नेफेड ने मिलेट्स से जुड़ी पहलों को आगे बढ़ाने के लिए कृषि मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किया है। बताया जा रहा है कि अब नेफेड मार्केट में रिटेल स्टोर्स के अंदर एक बाजरा कॉर्नर भी खोलेगा। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में बाजरा वेंडिंग मशीन लगाएगा। देश के एक प्रमुखअखबार के मुताबिक, नेफेड बाजरा को भोजन के रूप में उपयोग करने के लिए दिल्ली में लोगों को जागरूक करेगा। इसके लिए वह बाजरा की पौष्टिकता और गुणों के बारे में लोगों को बताएगा। साथ ही वह बाजरे की मार्केटिंग के लिए रास्ता भी तैयार करेगा।
गौरतलब है कि, संयुक्त राष्ट्र ने साल 2023 को बाजरा वर्ष घोषित किया है। ऐसे में केंद्र सरकार चाह रही है कि एक बार फिर से देश में बाजरा सहित तमाम पारंपरिक मोटे अनाज की फसलों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि लोगों को भरपूर पौष्टिक आहार मिल सके। बाजरा उत्पादन के मामले में भारत दुनिया का एक प्रमुख देश है। इस साल भारत बाजरा मिशन के तहत पूरे विश्व में मोटे अनाज के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। ऐसे में कृषि मंत्रालय ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, प्रमुख खाद्य निकायों और उद्योगों से अनुरोध किया है कि वे भारत को पूरे विश्व में मिलेट्स हब के रूप में स्थापित करें। मोटे अनाज की एक खासियत यह भी है कि इसकी खेती में सिंचाई की बहुत कम आवश्यकता होती है। ऐसे में मोटे अनाज की खेती से पानी की बचत होगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।