कृषि पिटारा

इस साल एमएसपी से अधिक दाम पर बिक रहा है मक्का, आने वाले समय में बढ़ सकता है किसानों का मुनाफा

नई दिल्ली: इस समय मक्के की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इस फसल के संदर्भ में अगर वर्तमान परिस्थितियों व भविष्य की संभावनाओं को देखें तो आने वाले समय में कई अन्य फसलों के मुकाबले यह फसल किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकती है। कुछ समय पहले तक यह फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 800 रुपये कम दाम पर बिकती थी लेकिन इस साल यह एमएसपी से अधिक दाम पर बिक रही है। इस वजह से काफी किसान मक्के की खेती को अपनाने लगे हैं। मक्के की खेती में धान और दूसरी फसलों के मुकाबले पानी की खपत काफी कम होती है। इससे किसानों का सिंचाई का काफी खर्चा बच जाता है। वहीं, इसमें खाद और कीटनाशकों का खर्च भी कई अन्य फसलों के मुकाबले कम लगता है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल अभी मक्का की खेती पिछले वर्ष के मुकाबले पिछड़ी हुई है। इस साल यानी 2022 में जुलाई के पहले सप्ताह तक 31.84 लाख हेक्टेयर में मक्का की बुआई हुई है। जबकि पिछले साल इस समय तक 41.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मक्का बोया जा चुका था। यानी इस साल मक्के की बुआई में लगभग 23.53 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है।

केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1962 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। जबकि, खुले बाजार में अभी इसका भाव 2600 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास है। अगर आप इस फसल की बुआई करना चाहते हैं तो किसी प्रमाणित जगह से ही बीज खरीदें और यह ध्यान रखें कि जो किस्म खरीद रहे हैं उसमें पैदावार कैसी है? अगर आप मक्के की संकर किस्मों की बुआई करना चाहते हैं तो पीजे एचएम 1, एलक्यूएमएच 1, पूसा इंप्रूव्ड एचक्यूपीएम1 और पीएमएच 3 की बुआई शुरू कर सकते हैं। बुआई के दौरान बीज की मात्रा 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। वर्तमान मौसम को ध्यान में रखते हुए आपको मक्के की बुआई मेड़ों पर करनी चाहिए। साथ ही इस दौरान पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60-75 सेंटीमीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 18-25 सेंटीमीटर बनाए रखनी चाहिए। यदि कभी आपको इस फसल में खरपतवार की समस्या देखने को मिलती है तो इसके नियंत्रण के लिए आप एट्राजिन 1 से 1.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर 800 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव कर सकते हैं।

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