नई दिल्ली: मानसून के आगमन के बावजूद देश में महंगाई पर लगाम नहीं लग रही है। चावल, आटा, दाल, चीनी और प्याज के साथ-साथ मसालों के बढ़ते मूल्य ने आम जनता का बजट बढ़ा दिया है। इसका सबसे बड़ा कारण हल्दी की बढ़ती कीमत है। कहा जा रहा है कि पिछले चार महीने में हल्दी के मूल्य में 180% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे हल्दी के भाव सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। वर्तमान में हल्दी की थोक मार्केट में कीमत 18,000 रुपये प्रति क्विंटल है, जिससे आम जनता के किचन का बजट प्रभावित हो गया है।
दरअसल, पिछले सीजन में किसानों ने हल्दी की बुवाई कम रकबे में की थी, जिससे उत्पादन में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप कीमतें बढ़ गईं हैं। बेमौसम बारिश ने महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में हल्दी की फसल को नुकसान पहुंचाया, जिससे पैदावार प्रभावित हुई। इसके साथ ही, अलनीनो के प्रभाव के कारण कई इलाकों में औसत से कम बारिश हुई है, जिससे भी हल्दी के उत्पादन में कमी आई है।
देश से बड़े स्तर पर हल्दी का निर्यात भी बढ़ गया है। अप्रैल से जून 2023 के बीच देश से हल्दी का निर्यात 16.87% बढ़कर कुल 57,775.30 टन पर पहुंच गया है। इसके बावजूद, दक्षिण भारत में हल्दी के उत्पादन में इस बार 45 से 50 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि अभी तक हल्दी की पैदावार में भी कमी आई है, लेकिन आने वाले त्योहारी सीजन में इसमें और इजाफा होने की उम्मीद है। इसके बाद कीमतों में गिरावट आ सकती है, जिससे आम जनता को राहत मिल सकती है।