नई दिल्ली: इस साल के खरीफ फसल सीजन में डीएपी (DAP) और यूरिया (Urea) की खपत में पिछले वर्षों की तुलना में बढ़ोतरी होने के चलते केंद्रीय उर्वरक सचिव रजत कुमार मिश्रा ने किसानों और राज्यों से इनके संतुलित उपयोग की सलाह दी है। रबी अभियान के एक कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि इस खरीफ सीजन के दौरान यूरिया और डीएपी की आपूर्ति में बढ़ोतरी देखी गई है। उन्होंने यूरिया की खपत में 13 लाख टन से अधिक की वृद्धि का उल्लेख किया और डीएपी की खपत में भी 10 लाख टन से अधिक की वृद्धि होने का संकेत दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करके एक नया उर्वरक संयंत्र स्थापित किया जाए तो इससे एक वर्ष में 10.5 लाख टन का उत्पादन किया जा सकता है। पानी के बाद उर्वरक एक महत्वपूर्ण कारक है, जो उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। रजत कुमार मिश्रा ने इस बात का भी उल्लेख किया कि केंद्र ने 2022-23 में 2.5 लाख करोड़ रुपये उर्वरकों को सब्सिडी प्रदान करने के लिए व्यय किया है। उन्होंने राज्यों से उर्वरकों के वितरण की निगरानी करने और क्षेत्रीय असमानता को कम करने के लिए भी सख्ती से काम करने की अपील की।
इसके साथ ही, केंद्रीय उर्वरक सचिव ने किसानों को उर्वरकों के संतुलित उपयोग की बात कही और उन्हें खरीफ सीजन में बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए सलाह दी। उन्होंने कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा कि अगर आप 10,000 करोड़ रुपये से एक आधुनिक और बेहद कुशल यूरिया संयंत्र स्थापित करते हैं, तो आप एक वर्ष में 10.5 लाख टन का उत्पादन कर सकते हैं। इसलिए अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए हमें एक नया संयंत्र स्थापित करना होगा।